GST Update: कोलकता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो मूढ़ी पर GST लग गई है तो क्या भाजपा के लोग अब मूढ़ी नहीं खाएंगे। मिठाई, लस्सी, दही पर GST लगी है। लोग क्या खाएंगे? मरीज के अस्पताल में भर्ती होने पर भी GST… ये बताएं कि मरने पर कितनी GST लगेगी।
GST Update: रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर विपक्ष खासकर काँग्रेस लगातार संसद से लेकर सड़क तक मोदी सरकार का विरोध कर रही हैं।
बता दें कि काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर मोदी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि महंगाई से जूझती जनता के लिए ‘गब्बर’ की रेसिपी- “कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ।”
महंगाई से जूझती जनता के लिए 'गब्बर' की रेसिपी:
कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ।
'मित्रों' की अनकही बातें तक सुनने वाले प्रधानमंत्री को अब जनता की बात सुननी भी होगी और ये GST वापस लेना भी होगा। pic.twitter.com/rsOia8Gwie
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2022
वहीं काँग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आवश्यक वस्तुओं के ऊपर जीएसटी लगाने के मुद्दें पर कहा कि जब पश्चिम बंगाल की मंत्री ने वित्त मंत्री के दावे के विपरीत ये भी कहा कि उन्होंने फिटमेंट कमेटी की उस रिपोर्ट का विरोध किया था जिसमें जीएसटी रेट में वृद्धि की सिफारिश की गई थी।
उन्होंने हमला बोलते हुए कहा था कि स्वच्छता से पैक किए गए सामान खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों को मोदी सरकार सजा क्यों देना चाहती है? मोदी सरकार ने तो श्मशानों पर भी 18% जीएसटी लगा दी हैं।
बता दें कि 18 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 47 वीं GST की बैठक की अध्यक्षता की थी और उस मीटिंग में फैसला हुआ कि दाल, चीनी,आटा तेल जैसी जरूरत वाली चीजों पर 5% GST लगाया जाए। इसके बाद से ही गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को और जेब ढीली करने पड़ेगी।
18 जुलाई से महंगे हुए ये सभी प्रोडक्ट्स
- दही, लस्सी, छाछ – 5 फीसदी जीएसटी
- पनीर – 5 फीसदी जीएसटी
- सभी तरह के गुड़, जैसे केन गुड़ और पलमायरा गुड़ – 5 फीसदी जीएसटी
- खांडसरी चीनी – 5 फीसदी जीएसटी
- नैचुरल शहद – 5 फीसदी जीएसटी
- फूला हुआ चावल (मुरी), चावल (चिरा), सूखा चावल (खोई), चीनी के साथ लेपित चावल (मुरकी) – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल, गेहूं, जौ, ओट्स – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल का आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- गेहूं और मेसलिन आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- टेंडर नारियल पानी – 12 फीसदी जीएसटी
- 18 जुलाई से एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, पेंसिल शार्पनर, ब्लेड, चम्मच, कांटे, सीढ़ी, स्कीमर, स्कीमर, केक सर्वर, प्रिंटिंग – 18 फीसदी जीएसटी
हालांकि, बाद में प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने लगा और धीरे–धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई।
इसका उन संघों द्वारा विरोध किया गया जो ब्रांडेड सामानों पर टैक्स का भुगतान कर रहे थे। उन्होंने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से जीएसटी लगाने के लिए आग्रह किया था। टैक्स में इस बड़े पैमाने पर चोरी को राज्यों द्वारा भी देखा गया था।
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