Gujrat: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तर्ज पर गुजरात के लोगों को भी फ्री की लाॅलीपाॅप दे दिया हैं। उन्होंने कहा गुजरात में आम आदमी की सरकार बनते ही 3 महीने के भीतर हर परिवार को 300 यूनिट बिजली हर महीने मुफ़्त देंगे। सभी गाँव और शहरों में 24 घंटे बिजली मिलेगी 31 दिसंबर 2021 तक के पुराने बकाया बिल भी माफ करने का वादा किया है।
Gujrat: केजरीवाल-“जनता को फ़्री रेवड़ी भगवान का प्रसाद है।दोस्तों को फ़्री रेवड़ी पाप”…
उन्होंने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जनता को फ़्री रेवड़ी देने से श्रीलंका जैसे हालात नहीं होते। अपने दोस्तों/मंत्रियों को देने से होते हैं। श्रीलंका वाला अपने दोस्तों को फ़्री रेवड़ी देता था।अर जनता को देता तो जनता उसके घर में घुसके उसे ना भगाती जनता को फ़्री रेवड़ी भगवान का प्रसाद है।दोस्तों को फ़्री रेवड़ी पाप…
Gujrat: आप को बता दें कि पीएम मोदी ने ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर कहा कि आजकल हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बाँटकर वोट बटोरने की भरसक कोशिश हो रही है।ये ‘रेवड़ी कल्चर’ देश के विकास के लिए बहुत घातक है। इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को खासकर मेरे युवाओं को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ये रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेस-वे नहीं बनाएंगे, एयरपोर्ट या डिउेंस काॅरिडोर नहीं बनवाएंगे।
‘रेवड़ी कल्चर’ वालों को लगता है कि मुफ्त की रेवड़ी बाटकर लोगों को खरीद लेंगे और इसी सोच को हमको मिलकर हराना हैं। ‘रेवड़ी कल्चर’ की राजनीति को देश से हटाना हैं।
पीएम मने आगे कहा कि हम देश में रोड बनाकर नए रेल रूट बनाकर लोगों की आकंक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। हम गरीबों के लिए करोड़ों पक्के घर बनवा रहे हैं।दशकों से अधूरी सिचाई परियोजनाएं पूरी कर रहे है। छोटे-बड़े डैम बनवा रहे है,बिजली घर कारखाने लगवा रहे है ताकि किसानों का गरीबों का जीवन आसान बने और मेरे देश के युवाओं का भविष्य अंधकार में डूब न जाए।
डबल इंजन की सरकारें मुफ्त की रेवड़ी बांटने का शॉर्ट-कट नहीं अपना रहीं, बल्कि मेहनत करके राज्यों के भविष्य को बेहतर बनाने में जुटी हैं। pic.twitter.com/9h8qNZngeC
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2022
उन्होंने कहा कि साथियों विकास के काम में महनत लगती है दिन-रात खटना पड़ता है खुद को जनता की सेवा के लिए समर्पित करना पड़ता हैं और डबल इंजन की सरकारें मुफ्त की रेवड़ी बांटने का शॉर्ट-कट नहीं अपना रहीं, बल्कि मेहनत करके राज्यों के भविष्य को बेहतर बनाने में जुटी हैं।
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