Gulam nabi Azad: कानपुर में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य ने कहा कि कांग्रेस से बहुत लोग आजाद हो गए हैं..गुलाम नबी जी भी अब आजाद हो गए हैं। आगे आने वाले समय में कांग्रेस में केवल सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी का परिवार ही बचेगा बाकी सब तो विदा हो जाएंगे।
अधीर रंजन चौधरी: आजाद है अवसरवादी नेता
वहीं काँग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि “हिंदुस्तान में लाखों लोग कोविड से मर रहे थे तब मोदी जी ने किसी के लिए खेद तक व्यक्त नहीं किया लेकिन जिस दिन गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में आखिरी दिन था वह उनके लिए रोने लगे। उनका रोना एक नौटंकी था। गुलाम नबी के लिए रोने की कोई वजह नहीं थी।”
उन्होंने आगे कहा कि “उनके लिए कांग्रेस में किसी चीज़ की कमी नहीं थी। आज जब उनको लगा कि उनको कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिलेगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। लोगों को ऐसे अवसरवादी नेताओं के बारे में जानना चाहिए।”
Gulam nabi Azad: मनीष तिवारी-आजाद के इस्तीफा देने पर मनीष का समर्थन
बता दें कि काँग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी नें गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे का समर्थन करते हुए सबको चौकाते हुए कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के ख़िलाफ़ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि दो वर्ष पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है… कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह ख़ैरात में नहीं मिला है।
सुत्रो के मुताबिक उम्मीद ये भी की जा रही है कि काँग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने जैसे गुलाम नबी आजाद का पुरजोर समर्थन करते हुए सबको चौका दिया। उसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मनीष तिवारी भी काँग्रेस का दामन कभी भी छोड़ सकते है।
गौरतलब है कि 26 अगस्त को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने काँग्रेस से प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों से तत्काल प्रभाव इस्तीफा दे दिय़ा था। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने काँग्रेस आलाकमान को 5 पेज का इस्तीफा भेजते हुए कहा कि G-23 के नेताओं की राय को दरकिनार किया गया है और साथ ही कहा कि अब वरिष्ठ नेताओं की राय का काँग्रेस आलाकमान के सामने कोई अहमियत नहीं रह गयी है।
इससे पहले भी कई वरिष्ठ नेताओं ने काँग्रेस की प्राथमिकता से इस्तीफा दे चुके है उन प्रमुख नेताओं में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल का नाम शुमार हैं। कपिल सिब्बल ने सपा का दामन थाम लिया था और उसके बाद उन्हें सपा ने राज्यसभा भेज दिया था।
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