Gyanvapi Masjid Case Updates: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 20 मई को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी से ज़िला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया जाता है। वाराणसी के जिला न्यायाधीश मस्जिद समिति की याचिका पर फैसला करेंगे कि हिंदू पक्ष द्वारा मुकदमा चलने योग्य नहीं है और तब तक अंतरिम आदेश-शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा, नमाज के लिए मुसलमानों का प्रवेश-जारी रहेगा। कोर्ट ने कहा कि जिला जज के पास 25 साल का लंबा अनुभव है। इस मामले में सभी पक्षों के हित को सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि यह न समझा जाए कि हम मामले को निरस्त कर रहे हैं। आपके लिए आगे भी हमारे रास्ते खुले रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी से ज़िला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया जाता है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2022
Gyanvapi Masjid Case Updates: एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बताया कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की सुनवाई अब ज़िला जज वाराणसी करेंगे, अब तक सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी इसकी सुनवाई कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का जो अंतरिम आदेश था, जो एरिया सील किया गया है जहां शिवलिंग पाया गया है वो जगह सील ही रहेगा। वजू़ के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का 17 मई का जो अंतरिम आदेश था, जो एरिया सील किया गया है जहां शिवलिंग पाया गया है वो बरकरार रहेगा। वजू़ के लिए व्यवस्था की जाएगी: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2022
Gyanvapi Masjid Case Updates: आप को बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे कर रहीं टीम को बाते सोमवार 16 मई को 12 फीट 8 इंच लंबा शिवलिंग मिला है। और हिंदू पक्ष का दावा भी साबित हुआ कि जब उन्होंने कहा था कि उम्मीद से ज्यादा मिलेगा।
वहीं सर्वे के बाद ज्ञानवापी से बाहर निकले हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने मीडिया से कहा कि अंदर बाबा मिल गए। इस बारे में पूछने पर कहा कि जिन खोजा तिन पाइयां..तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है।
उन्होंने दावा किया कि गुंबद, दीवार और फर्श के सर्वे के दौरान कई साक्ष्य दबे हुए से दिखे। उन्होंने पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की बात कही। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने कहा कि अंदर कुछ भी नहीं मिला।
बता दें कि वाराणसी कोर्ट के विडीयोग्राफी के आदेश के मुताबिक बीते शुक्रवार (14 मई) से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का काम शुरू हुआ था।पहले दिन 4 तहखानों का वीडियो सर्वे हुआ था टीम ने चप्पे-चप्पे की जांच की थी। दिवारों की बनावट की भी गहन जांच की थी। वहीं हिंदू पक्ष का दावा था कि अंदर हमारी सोच से भी ज्यादा बहुत कुछ है। और दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने भी सर्वे में सहयोग करने का दावा किया था।
गौरतलब है कि वाराणसी ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। याचिकाकर्ता अंजुमन ए इंतोजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समीति के वकील हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका फाइल की थी।
उनके वकील हुजेफा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा।ज्ञान वापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को रोकने से इंकार कर दिया था।