Gyanvapi Maszid: शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर DU प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ ममाला दर्ज हो गया है। वहीं यूपी में मोहम्मद अंसारी भी जेल पहुंच गया है उस पर भी शिवलिंग को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप है।
आप को बता दें कि शिवलिंग पर शर्मनाक व विवादित टिप्पणी करने पर दिल्ली पुलिस ने हिन्दू कॉलेज में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट साइबर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153ए/295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर DU के प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत रतन लाल ने फेसबुक पर एक लिंक साझा करते हुए लिखा, “यदि यह शिव लिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था। साथ ही पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाया है।
How can we tolerate such nonsense from a professor @dpradhanbjp ji?
Coming from a professor makes it more ridiculous bcz he can influence hundreds of innocent students.
Strict action needed @DelhiPolice @HMOIndia pic.twitter.com/FlTqaj8DL0
— Mr Sinha (@MrSinha_) May 17, 2022
वहीं मोहम्मद अंसारी ने भी शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि “अगर लिंग ही पूजना है तो पत्थर का क्यों? हम मुल्लों का क्यों नहीं? मोहम्मद अंसारी का सोशल मीडिया पर दीपक शर्मा ने मुंहतोड़ जबाव देते हुए कहा था कि “मो. अंसारी बोला था ना, महादेव के भक्तों से मत उलझ बताया भी था कि दीपक नाम है हमारा, पर तू नहीं माना, अब भुगत, धारा 295,153,505, और IT एक्ट ब्याज में, SP साहब धन्यवाद इस जाहिल को इसकी सही जगह पंहुचाने के लिए।”
मो. अंसारी
बोला था ना, महादेव के भक्तों से मत उलझ✋बताया भी था कि #दीपक नाम है हमारा, पर तू नहीं माना, अब भुगत, धारा 295,153,505, और IT एक्ट ब्याज में, SP साहब धन्यवाद इस जाहिल को इसकी सही जगह पंहुचाने के लिए || @ambedkarnagrpol @dgpup @TheUP70 pic.twitter.com/QEXHYtpdWr
— DeePak SharmA (@TheDeepak2020In) May 19, 2022
आप को बता दें कि बजू का स्थान वो है जहां पर वीडियो सर्वे के दौरान गत सोमवार 16 मई को 12 फुट लंबा शिवलिंग मिला था। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का 16 मई को तीसरा और अंतिम दिन का सर्वे अधिवक्ता आयुक्त (advocate commissioner) अजय कुमार मिश्र की अगुवाई में पूरा हो गया था। 17 मई को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में पेश की जानी थी। लेकिन,अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने कोर्ट से दो दिन की मौहलत मांगी थी जिसको वाराणसी कोर्ट ने मान लिया था।