Gyanvapi Maszid Case Live: सात याचिकाओं में से पहले कौन सी सुनी जाएगी इसका होगा आज फैसला,ज्ञानवापी मस्जिद केस में नहीं आएगा कोई आदेश

Gyanvapi Maszid Case
Gyanvapi Maszid Case Live : मंगलवार 24 मई को वाराणसी जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसे ट्रांसफर की गई सात याचिकाओं में सबसे पहले कौन सी याचिका पर सुनवाई होगी उस पर आज कोर्ट मैरिट के आधार पर फैसला करेगी। गत सोमवार को जिली जज एके वश्वेश ने हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियो सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इसलिए प्रतिवादी पक्ष को इस पर अपनी आपत्ति पेश करनी चाहिए। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील मोहम्मद तौहिद खान ने कहा कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनने योग्य नहीं है, इसे खारिज किया जाए।
सोमवार को ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सबसे पहले सुनवाई वाली याचिका के बारे में मंगलवार को आदेश देने की बात कही है। 
उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद मामला में मुस्लिम पक्ष ने कल अपनी दलीलें पेश कीं, उन्होंने कहा कि मामला पूजा स्थल अधिनियम के मापदंडों को पूरा नहीं करता है। वे चाहते थे कि मामला खारिज हो जाए। लेकिन हमने भी कोर्ट के सामने अपनी दलीलें पेश कीं।

मदन मोहन यादव ने कहा था कि मामले को यूं ही खारिज नहीं किया जा सकता, यह चलता रहेगा। यह संपत्ति का नहीं बल्कि पूजा के अधिकार का मामला है। कोर्ट इस मामले पर आज दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी। फैसला शायद शाम 4 बजे तक आ जाएगा।

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Gyanvapi Maszid Case Live: हिंदू पक्ष की और से माँ श्रृंगार गौरी में पूजा अर्चना की माँगी थी अनुमती 

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से माँ श्रृंगार गौरी में पूजा अर्चना की अनुमती माँगी थी  अनुमती वाली याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। हालांकिमुस्लिमपक्ष ने इस याचिका पर अपना विरोध दर्ज करवाया था। मंगलवार को कोर्ट में GDC सिविल के प्रार्थना पत्र के अलावा हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल की गई आपत्तियों पर भी बहस होगी।

Gyanvapi Maszid Case Live: विशेष उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू होता है या नहीं इस पर होगा फैसला

गत सोमवार को कार्यवाही शुरू होते ही अंजुमन इंतेजामिया ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह तय होना चाहिए कि राखी सिंह समेत पांच अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी का वाद सुनवाई योग्य पोषणीय है या नहीं। कहा कि वाद दाखिल होने के बाद पोषणीयता पर चुनौती दी गई थी, लेकिन निचली अदालत ने इसको अनदेखा करते हुए सर्वे कमीशन का आदेश दे दिया। अब इसी बात का पहले निर्णय होना है कि विशेष उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू होता है या नहीं। 
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।