Gyanvapi Maszid Issue: रूबिना खानम का हिंदुओं के पक्ष मे बयान देना पड़ भारी, अखिलेश ने छीना महिला विंग ‘अध्यक्ष’ का पद, कहा था- ‘ज्ञानवापी हिंदूओं को लौटा दो’

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Gyanvapi Maszid Issue: ज्ञानवापी मस्जिद में निकले शिवलिंग पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM विधायक अकबरूद्दीन ओवैसी से लेकर , DU के प्रोफेसर रतन लाल ने विवदित बयान दिया था। रतन लाल को विवादित बयान देने के लिए गिरफ्तार भी कर लिया गया था। और अब हाल ही में अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे संभल से सपा (SP) सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इतिहास को गहराई से देखें तो वाराणसी की ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में कोई ‘शिवलिंग’ नहीं था। बता दें कि शफीकुर्हमान बर्क ने भी ज्ञानवापी को लेकर बयान दिया है इस पर तो सपा प्रमुख कोई कार्यवाही नहीं करते। लेकिन रूबिना खानम पर कार्यवाही कर देते है। और उन्हें सपा कि महिला विंग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर देते है। 

दोनों नेताओं के बयान में सिर्फ इतना फर्क है कि शफिकुर्रहमान ज्ञानवापी मस्जिद में मुस्लिम पक्ष में बयान देते है और सपा नेत्री रूबिना हिंदू पक्ष में बयान दे देती है। रूबिना का बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव को ऐसा चुभता है कि, उसकी कीमत उन्हें अलीगढ़ महानगर की महिला विंग की अध्यक्षा के पद से बर्खास्तगी के रूप में चुकानी पड़ती है। ऐसा इसलिए भी है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद मुस्लिम पक्ष मे बयान दिया था। 

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि ज्ञानवापी जैसी घटनाओं को जानबूझकर भाजपा द्वारा या उनके सहयोगियों द्वारा घूंघट के पीछे भड़काया जा रहा है। ईंधन और खाद्य सुविधाएं महंगी हो रही हैं। महंगाई और बेरोजगारी पर उनके पास जवाब नहीं है। चुनाव तक ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए बीजेपी के पास नफरत वाला कैलेंडर।

बरखास्तगी के बाद रूबिना ने भी अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि “मैं अनुशासनहीन इसलिए हो गई क्योंकि मैं समाजवादी पार्टी के हिसाब से नहीं बोली। मुझे सपा ने पद से इसलिए हटा दिया क्योंकि मैंने राष्ट्रवाद और सभी धर्मों के सम्मान की बात कह दी। यही सपा का असली चेहरा है।”

रुबीना ने कहा, “जिस पार्टी में मैं सच भी नहीं बोल सकती और देश की बात भी नहीं कर सकती उसमें मैं नहीं रहना चाहती। मेरे पास आए लेटर में मुझे अनुशासनहीन बताया गया है। मतलब मुसलमानों के साथ हिन्दुओं की भी बात करना अनुशासनहीनता कैसे हो गया ? अगर ये अनुशासनहीनता है तो मैं इसे बार-बार करूँगी। आज पद से निकाला है कल पार्टी से निकाल देंगे। ऐसी पार्टी में मैं खुद नहीं रह सकती।”

आप को बता दें कि रूबिना ने ज्ञानवापी के संबंध में कहा था कि हमारे मुस्लिम धर्म गुरुओं को सोचना चाहिए, अगर हमारे किसी शासक ने बलपूर्वक मंदिर पर कब्जा कर मस्ज़िद बनाई थी तो हमें इसे छोड़ देना चाहिए, दूसरे धर्म की आस्था को कुचलकर मस्जिद बनाना इस्लाम के सिद्धांतों का उलंघन है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।