Gyanvapi Maszid: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी पर आखिरकार बयान दे दिया। उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के पास नफरत वाला कैलेंडर है।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि ज्ञानवापी जैसी घटनाओं को जानबूझकर भाजपा द्वारा या उनके सहयोगियों द्वारा घूंघट के पीछे भड़काया जा रहा है। ईंधन और खाद्य सुविधाएं महंगी हो रही हैं। महंगाई और बेरोजगारी पर उनके पास जवाब नहीं है। चुनाव तक ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए बीजेपी के पास नफरत वाला कैलेंडर।
Gynavapi-like incidents being deliberately stirred up by BJP itself or by their aides behind veil.Fuel & food amenities are getting expensive. They don't have answer on inflation & unemployment. BJP has hate calendar to bring up such issues until elections:SP chief Akhilesh Yadav pic.twitter.com/pUPYOXa0Fv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 17, 2022
Gyanvapi Maszid: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि BJP द्वारा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। आजादी के इतने वर्षों के बाद ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व अन्य स्थलों के मामले में षडयंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है…
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि इससे अपना देश मज़बूत नहीं होगा, BJP को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही विशेष कर एक धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया से अपने देश में शांति, सद्भाव नहीं बल्कि द्वेष की भावना उत्पन्न होगी।
इससे अपना देश मज़बूत नहीं होगा, BJP को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही विशेष कर एक धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया से अपने देश में शांति, सद्भाव नहीं बल्कि द्वेष की भावना उत्पन्न होगी: बसपा प्रमुख मायावती, लखनऊ pic.twitter.com/4lpwZId4uf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2022
Gyanvapi Maszid: आप को बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे कर रहीं टीम को बाते सोमवार 16 मई को 12 फीट 8 इंच लंबा शिवलिंग मिला है। और हिंदू पक्ष का दावा भी साबित हुआ कि जब उन्होंने कहा था कि उम्मीद से ज्यादा मिलेगा।
वहीं सर्वे के बाद ज्ञानवापी से बाहर निकले हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने मीडिया से कहा कि अंदर बाबा मिल गए। इस बारे में पूछने पर कहा कि जिन खोजा तिन पाइयां..तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। दावा किया कि गुंबद, दीवार और फर्श के सर्वे के दौरान कई साक्ष्य दबे हुए से दिखे। उन्होंने पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की बात कही। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने कहा कि अंदर कुछ भी नहीं मिला।
बता दें कि वाराणसी कोर्ट के विडीयोग्राफी के आदेश के मुताबिक बीते शुक्रवार (14 मई) से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का काम शुरू हुआ था।पहले दिन 4 तहखानों का वीडियो सर्वे हुआ था टीम ने चप्पे-चप्पे की जांच की थी। दिवारों की बनावट की भी गहन जांच की थी। वहीं हिंदू पक्ष का दावा था कि अंदर हमारी सोच से भी ज्यादा बहुत कुछ है। और दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने भी सर्वे में सहयोग करने का दावा किया था।
गौरतलब है कि वाराणसी ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। याचिकाकर्ता अंजुमन ए इंतोजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समीति के वकील हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका फाइल की थी।
उनके वकील हुजेफा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा।ज्ञान वापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को रोकने से इंकार कर दिया था।