Gyanvapi Survey Report: श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन–पूजन व अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर ज्ञानवापी मस्जिद में 14 से 16 मई तक अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने कोर्ट की रिपोर्ट में दावा किया है कि वजुखाने में शिवलिंग मिला है। बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने वजुखाने में मिले शिवलिंग को फव्वारा होने की बात कही थी, लेकिन जब विशाल सिंह की अगुआई में गई टीम ने वहां मौजूद मुस्लिम पक्ष के पेरोकारों से कहा कि अगर ये फव्वारा है तो चला कर दिखाए। मुस्लिम पक्ष फव्वारे को चलाने में नाकाम रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि मस्जिद की दीवारों पर स्वास्तिक का चिन्ह, डमरू, हाथी की सूंड, पान,घंटियां सहित देवी–देवताओं के प्रतीक मौजूद हैं। वहीं विशाल सिंह ने रिपोर्ट में कहा कि मुस्लिम पक्ष, वजू खाने से जो शिवलिंग निकला है उसको फव्वारा कह रहा है, लेकिन जब सर्वे के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति में पाइप डाला गया तो उसमे पाइप जाने की कोई जगह ही नहीं थी।
Gyanvapi Survey Report: शिवलिंग जैसे आकार के ऊपर लगा अलग पत्थर
अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह की रिपोर्ट में कहा गया कि मस्जिद में शिवलिंग जैसे आकार वाली जगह पर पानी निकालने के बाद 2.5 फीट ऊंची और बेस पर चार फीट व्यास की काली गोलाकार पत्थरनुमा आकृति है। इसके शीर्ष पर नौ इंच का गोलाकार सफेद पत्थर अलग से लगा है, जिस पर बीच से पांच दिशाओं में पांच खांचे बने हैं। इस आकृति की सतह पर अलग प्रकार का घोल चढ़ा हुआ प्रतीत हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि शिवलिंग के ऊपर अलग से पांच कटे निशान का इस्लाम मजहब में अलग महत्व है। इस्लाम में नमाज पांच टाइम पढ़ी जाती है। इस्लाम के 5 स्तंभ भी हैं… पहला शहादा (पैगंबर होने की गवाही)…दूसरा नमाज…तीसरा रोजा…चौथा ज़कात… पांचवा हज से मतलब है।
फव्वारे पर नहीं मिला संतोषजनक जवाब
विशाल सिंह ने रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि जब अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के मुंशी एजाज मोहम्मद से पूछा कि यह फव्वारा कब से बंद है। उन्होंने पहले कहा था कि 20 साल से बंद है और फिर कहा कि 12 वर्ष से साल से बंद है। जब उनको कहा ये फव्वारा चला कर दिखाओं तो उन्होंने मना कर दिया कि चला कर नहीं दिखा पाएंगे।
सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से कहा गया था कि वजूखाने में मिली शिवलिंग नुमा आकृति नीचे तक हो सकती है। मगर इसका नीचे का हिस्सा तहखाने की दीवारों से ढका होने के चलते वहां कमीशन की कार्यवाही नही हो पाई थी।