पीएम मोदी: हनुमान की मूर्ति का किया लोकार्पण
शनिवार 16 अप्रैल 2022 में पीएम मोदी ने गुजरात के मोरबी में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से 108 फीट की मूर्ति का लोकार्पण किया।
PMO ने कहा कि प्रतिमा का लोकार्पण किया गया है। आप को बता दे कि कि ये देश की चारो दिशाओं में ‘हनुमानजी 4 धाम‘ परियोजना के तहत स्थापित की जा रही और ये चार प्रतिमाओं में से दूसरी प्रतिमा है।
इसे 16 अप्रैल को देश के पश्चिम दिशा में गुजरात के मोरबी में परम पूज्य बापू केशवानंद जी के आश्रम में स्थापित किया गया है। पीएमओ ने कहा कि ‘हनुमानजी 4 धाम‘ परियोजना के तहत पहली प्रतिमा 2010 में उत्तर में शिमला में स्थापित की गई थी। दक्षिण दिशा में तमिलनाडु के रामेश्वरम में प्रतिमा पर भी काम शुरू कर दिया है। चौथी हनुमान मूर्ति की स्थापना दीदी के बंगाल में होनी हैं।
पीएम मोदी ने विडीयो काॅन्फ्रेसिंग के दौरान लागों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अपने आपको गौरान्वित महसूस कर रहा हूं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों को जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दी ।भागवान हनुमान की मूर्ति का लोकार्पण से रामभक्तों और हनुमान भक्तों को प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को, समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
इस पावन अवसर पर आज मोरबी में हनुमान जी की इस भव्य मूर्ति का लोकार्पण हुआ है।
ये देश और दुनियाभर के हनुमान भक्तों के लिए बहुत सुखदायी है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 16, 2022
पीएम मोदी : हनुमान जी ने दिलाया मान-सम्मान
पीएम ने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति और सेवा भाव से सबको जोड़ते हैं। और साथ ही कहा कि हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है। उन्होंने कहा कि हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं।
हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं।
हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है।
हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया।
इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं: PM
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पीएम मोदी: राम कथा करती है सबको जोड़ने का काम
उन्होंने कहा कि रामकथा का आयोजन भी देश के अलग–अलग हिस्सों में की जाती है। रामकथा करने वालें लोगों की बोली–भाषा अलग हो सकती है, लेकिन यकीन मानिए रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है।
रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है।
भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है।
यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है: PM @narendramodi
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पीएम मोदी ने कहा कि “हजारों वर्षों से बदलती स्थितियों के बावजूद भारत के अटल और अडिग रहने में हमारी सभ्यता और संस्कृति की बड़ी भूमिका रही है। हमारी आस्था और संस्कृति की धारा सद्भाव, समावेश, समभाव की है। इसलिए जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु श्री राम ने सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया। यही तो है सबका साथ–सबका प्रयास और सबका विकास।”
पीएम मोदी : ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ का उत्तम प्रमाण हैं प्रभु श्रीराम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ का उत्तम प्रमाण प्रभु श्रीराम की जीवन लीला भी है, जिसके हनुमान जी बहुत अहम सूत्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सबका प्रयास’ की इसी भावना से आजादी के अमृत काल को हमें उज्ज्वल करना है, राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटना है।