हरीश रावत का ट्वीट मचा रहा है धमाल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का ट्वीट धूम मचा रहा है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि आश्चर्य, आज भी कुछ पत्र और पत्रकार हैं जो लोकपाल-लोकायुक्त का बुझता हुआ हुक्का गुड़गुड़ाने का शौक रखते हैं। #लोकपाल तो 2014 में सत्ता परिवर्तन का टोटका था, जिस टोटके का इस्तेमाल कर सत्ता में आने वाले लोग उसको खुद ही एक अनचाही झंझट समझकर भुला चुके हैं। और साथ ही उन्होंने कहा कि कभी मैंने संसदीय कार्य राज्यमंत्री के तौर पर कहा था कि “तू भी अन्ना, मैं भी अन्ना, आओ मिल बैठकर चूसें गन्ना”, वह गन्ना लोकपाल ही था।
कभी मैंने संसदीय कार्य राज्यमंत्री के तौर पर कहा था कि "तू भी अन्ना, मैं भी अन्ना, आओ मिल बैठकर चूसें गन्ना", वह गन्ना लोकपाल ही था। मगर मैं..https://t.co/857rAafGLu..जो लोग लोकायुक्त के बुझे हुये हुक्के को भी गुड़गुड़ाने का शौक रख रहे हैं।#uttarakhand @pushkardhami #Congress
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 8, 2022
लोकायुक्त चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का किया था हौसला
वर्ष 2016 में उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य विधानसभा की ओर से संशोधित रूप में पारित कानून के तहत लोकायुक्त चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का हौसला किया था। हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशन में दोनों कमेटियां, एक हाईकोर्ट के वरिष्ठ रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में और दूसरी कमेटी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के मार्ग निर्देशन में गठित हुई।
फाइल कहां गई, इसका आज तक किसी को नहीं पता
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