Jahangirpuri Demolition update: दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा के दौरान मस्जिद के सामने हुई हिंसा और उसके बाद इलाके में अवैध निर्माण पर चलाए गए बुलड़ोजर के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है। यही कारण है कि वहां अब राजनेताओं के आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मस्जिद के सामने से लेकर मंदिर के सामने तक चले बुलडोजर के बाद लोगों के जहन में तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। कोई इसे एकतरफा कार्रवाई बता रहा है तो कोई दंगाइयों के खिलाफ इसे सही कदम बता रहा है।
Jahangirpuri Demolition update: जहांगीरपुरी में बुलड़ोजर चलने के बाद नेताओं के आने-जाने का सिलसिला जारी है। सबसे पहले पीड़ितों से मिलने के बहाने AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी जहांगीरपुरी पहुंचे, लेकिन यहां मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें समझाकर भेज दिया। इसके अगले दिन कांग्रेस का 16 सदस्यीय दल जहांगीरपुरी में पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए पहुंचा। हालांकि इनको भी बैरंग लौटना पड़ा।
Barrister @asadowaisi reached #Jahangirpuri where Kejriwal & Modi governments together illegally demolished the houses of poor Muslims pic.twitter.com/EtPDmfizQk
— AIMIM (@aimim_national) April 20, 2022
इसके अगले दिन CPI और आप पार्टी ने नेता मौके पर पहुंचे। शुक्रवार दोपहर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा भेजे गए संभल के सांसद शफीकुर्ररहमान भी जहांगीरपुरी पहुंचे। अब यहां पर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का आना और फिर केन्द्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी करना एक जिम्मेदारी सी बन गया है। गौर करने वाली बात यह कि हनुमान की शोभायात्रा पर मस्जिद से हमला होने के चार दिन बीत जाने के बाद यहां कोई नहीं पहुंचा। जैसे ही MCD का बुलडोजर अतिक्रमण पर चला ऐसे ही यहां की राजनीति तेज हो गई।
समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने आजतक से बात की. बर्क समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ जहांगीरपुरी 'डेमोलिशन साइट' पर सांप्रदायिक झड़पों का सामना करने वाले परिवारों से मिलने पहुंचे थे।#ReporterDiary #Jahangirpuri #Delhi | (@tweets_amit) pic.twitter.com/dU3cNF4EPp
— AajTak (@aajtak) April 22, 2022
मुस्लिम समुदाय के बीच अफवाह है कि बुलड़ोजर मस्जिद पर ही चला मंदिर पर नहीं, लेकिन सच ये है कि बुलडोजर न मंदिर पर चला न मस्जिद पर बुलडोजर मस्जिद के बाहर के अतिक्रमण को हटाते हुए मंदिर की और आगे बढ़ ही रहा था कि तभी वृंदा करात सुप्रीम कोर्ट का आदेश लेकर बुलड़ोजर के सामने खड़ी हो गईं। सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने बुलडोजर को रोक दिया। हालांकि बाद में मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के अतिक्रमण को खुद ही हटा दिया।
जहांगीरपुरी में चलाई जा रही बुलडोज़र को रोकने के लिए CPM की नेता वृंदा करात खड़ी हो गईं। ये काम अगर बाक़ी नेता भी करें तो कितनों के घर बच जाएँ।
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) April 20, 2022
वहीं अफवाह यह भी है कि प्रशासन ने बुलडोजर से अवैध निर्माण के बहाने समुदाय विशेष के घरों को गिराया। जबकि सच्चाई यह है कि बुलडोजर ने अतिक्रमण को हटाया इसमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय दोनों का ही अतिक्रमण शामिल था। यहां तक कि बुलडोजर ने किसी के घर को नहीं गिराया। कुछ लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना नोटिस दिए बुलडोजर चलाया। इसके जवाब में अधिकारियों ने बताया कि अवैध रूप से बनाए गए घरों को गिराने से पहले नोटिस दिया जाता है। जबकि हमने किसी का धर नहीं गिराया सिर्फ रोड किनारे अतिक्रमण को हटाया है।