Jammu: राजनाथ सिंह-“पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और रहेगा”…

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Jammu: जम्मू मे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने जम्मू में कारगिल विजय दिवस समारोह में शरीक हुए। वहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल दिवस के मौके पर जम्मू में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिजनों से मुलाकात की और उनको सम्मानित भी किया। गुलशन ग्राउंड में हुए कार्यक्रम में उन्होंने कारगिल युद्ध के शहीदों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय सेना के शौर्य और पराक्रम का गौरवपूर्ण अध्याय है।

Jammu: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हमारे सेना ने जो योगदान दिया है उसे भारत कभी भूल नहीं सकता है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए जिन जवानों ने शहादत दी है मैं उन सभी जवानों की स्मृति में शीश झुकाकर नमन करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि आज़ादी के बाद से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का ये पूरा इलाका ‘मेन वॉर थिएटर’ बना हुआ है। आज़ादी के बाद से ही इस पूरे इलाके पर दुश्मनों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई थी लेकिन भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम और बलिदान के परिणास्वरूप दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम किया।

Jammu: राजनाथ सिंह ने कहा कि “पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत की संसद में प्रस्ताव पारित हुआ था। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और रहेगा। ये कैसा हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे यहां हो और मां शारदा शक्ति स्वरूपा LoC के पार हो।”

उन्होंने कारगिल के शहीदों को याद करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में अनेक ऐसी शौर्य गाथाएं है जिनका स्मरण करके हर भारतवासी रोमांच और गौरव के भाव से भर उठता है। कैप्टन विक्रम बतरा की ही तरह कैप्टन मनोज पांडे की बहादुरी की चर्चा आज भी भारत में होती है। खलुबार हिल्स पर कब्जा करने के दौरान उन्हें भी वीरगति प्राप्त हुई। उन्हें परमवीर चक्र दिया गया।

कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बतरा ने कहा था कि जीत गया तो तिरंगा लहराऊंगा, अगर हार गया तो तिरंगे से लिपट कर आऊंगा। उन्होंने भारत के लड़ते हुए अपना बलिदान कर दिय। राजनाथ सिंह ने योगेन्द्र यादव और संजय कुमार को भी याद करते हुए कहा कि दोनों भारत माँ के सपूतों को बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला। थलसेना के समर्थन में भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन ‘सफेद सागर’ चलाया, तो हमारी नेवी ने भी अरब सागर में कराची तक पहुंचने वाले समुद्र के मार्ग को अवरुद्ध करने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी।

आज हमारा देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। हमने तय किया है कि मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्ड । आज हालात बदल गए हैं पहले भारत केवल रक्षा आयातक के रूप में जाना जाता था। आज भारत की गिनती दुनिया के टाप 25 रक्षा निर्यातक के रूप में होती है।

गौरतलब है कि  भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।