Madhya Pradesh: हनुमान की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर दो समुदायों में पथराव, पुलिस ने भांजी लाठियाँ

दरगाह

Madhya Pradesh: के नीमच में दरगाह के समीप सोमवार शाम हनुमान की मूर्ति स्थापित करने को लेकर दो समुदायों में कहासुनी होने के बाद पत्थरबाज़ी शुरू हो गई। सूचना पर पहुँची पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठियाँ भांज व आँसू गैस के गोले फेंक कर मामले को शांत किया गया।साथ ही इलाक़े की दुकानों को बंद कराकर कर्फ़्यू जैसे हालात बन गये।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के नीमच में दरगाह के पास हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करने को लेकर दो पक्षों में विवाद का मामला सामने आया है। विवाद पुरानी कचहरी इलाके में मौजूद दरगाह के पास हुआ। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। उपद्रवियों ने पत्थर फेंके, एक बाइक में आग भी लगा दी। पुलिस ने दुकानें बंद करा दीं। साथ ही उपद्रवियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठियां भी भांजीं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन ने नीमच सिटी इलाके में धारा 144 लगा दी है। पथराव में नीमच सिटी TI घायल हो गए।

क्या है दंगे के पीछे का सच?

Madhya Pradesh: नीमच की पुरानी कचहरी इलाके में करीब पांच हजार वर्ग फीट जमीन पर दरगाह है। बताया जाता है कि ये जमीन सरकारी है। सोमवार शाम करीब 5 बजे इसी जमीन से लगी जमीन पर कुछ लोग हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करना चाहते थे। इस पर दरगाह में मौजूद लोगों ने आपत्ति जताई। दोनों के बीच बहसबाजी शुरू हो गई। रात करीब 8 बजे के बाद विवाद बढ़ गया। दोनों समुदाय के लोग इकट्‌ठा हो गए। इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने एक बाइक को भी आग लगा दी।

इसी बीच कुछ लोगों ने मौके पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। SP सूरज वर्मा ने बताया कि सूचना पर दलबल के साथ पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। भीड़ को तितरबितर करने के लिए लाठियां भी भांजीं। पुलिस ने दुकानें बंद करा दीं।

5 थानों का पुलिस बल था मौजूद

एस पी ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर क्षेत्र में 5 थानों का पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही, रिजर्व पुलिस फोर्स भी लगाया गया है। वज्र वाहन भी तैनात किया गया है।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।