Mathura Shahi Eidgah: ज्ञानवापी का हवाला देते हुए कोर्ट में हिंदू पक्ष की नई याचिका, मथुरा में भी मिटाए जा सकते है सबूत, तुरंत ईदगाह को सील करने की मांग

Mathura Shahi Eid Gah Maszid

Mathura Shahi Eidgah: मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले को लेकर अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए मथुरा सिविल जज डिवीजन कोर्ट ने अगली तारीख एक जुलाई की दे दी है। वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद, ज्ञानवापी परिसर में हुए वीडियों सर्वे के दौरान विवादित जगह से शिवलिंग के निकलने के बाद अब हिंदू पक्ष की तरफ से मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर नई याचिका दायर की है। जिसमें हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई है कि मथुरा शाही ईदगाह को तुरंत सील करने की मांग की है।

याचिका को दायर करते हुए अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने मथुरा सिविल जज डिवीजन कोर्ट में दलील दी है और कहा है कि मथुरा शाही ईदगाह को तुरंत सील कर दिया जाए। उनको डर है कि साक्ष्यों से छेड़छाड़ की जा सकती है। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत से याचिका में आग्रह किया है कि वे बिना विलंब किए आदेश देकर विवादित जगह को सील करने के साथ ही साक्ष्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दे।

Mathura Shahi Eidgah: आप को बता दें कि अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह लंबें समय से श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने अपनी याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को सील करने के साथ ही उसकी सुरक्षा करने को पुख्ता करने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि एक विशेष सुरक्षा अधिकारी को भी नियुक्त किया जाए और साथ ही अंदर आनेजाने पर भी रोक लगाई जाए।

महेंद्र प्रताप सिंह का कहना हे कि अगर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अवशेषों के साथ छेड़छाड़ की गई तो इस स्थल का चरित्र बदल जाएगा और फिर इसकी मुक्ति के लिए जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उसका कोई आधार ही नहीं रह जाएगा।

सुत्रों की मानी जाए तो इस याचिका पर आज मंगलवार (17 मई, 2022) को सुनवाई की जा सकती है। याचिका में कहा गया है कि हिन्दू प्रतीक चिह्नों को नष्ट होने से बचाने के लिए मस्जिद को सील किया जाना आवश्यक है। माँग की गई है कि ज्ञानवापी की तर्ज पर यहाँ भी CRPF तैनात की जाए। याचिका के साथ वाराणसी कोर्ट के आदेश की प्रति भी सौंपी गई है, जिसमें शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर कर के नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

गैरतलब है कि ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष का कहना है कि अभी तो पूरे परिसर का सर्वेक्षण ही नहीं हो पाया है। ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी ओर 72 फीट की लंबाई, 30 फीट की चौड़ाई और 15 फीट की ऊँचाई में मलबा पड़ा है। उसके किनारेकिनारे 15 फीट की दीवार उठा दी गई है।दावा है कि कमीशन अभी वहां अपनी कार्यवाही नहीं कर पाया।

हिंदू पक्ष की तरफ से याचिकाकर्ता डॉ सोहनलाल आर्य ने मलबे को लेकर कहा, “मेरा मानना है कि यह विवादित मलवा शृंगार गौरी से संबंधित है और पुराणों व विभिन्न प्रकरणों में उल्लिखित शृंगार गौरी स्थल तक कमीशन की कार्यवाही पूरी नहीं हुई है। इसलिए इसे दूसरे चरण में कराने के लिए अलग से प्रार्थना पत्र देंगे।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।