Modi In Parliament: 50 मिनट… राहुल गांधी को 50 मिनट मिले थे, जिस पर वो महंगाई-बेरोजगारी जैसे आम आदमी के सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठा सकते थे किंतु मोदी ईर्ष्या में राहुल गांधी इस मौके को भी भुनाने में चूक गए। इससे एक बात साफ होती है कि कांग्रेस का जनता और जनता के सरोकार के मुद्दों का कोई महत्व नहीं है बल्कि केवल और केवल मोदी को गालियां देना ही कांग्रेस की कार्यशैली बन गई है। इसका परिणाम कांग्रेस देख कर भी अनदेखा कर रही है।
Highlighted how the situation in Jammu and Kashmir has changed for the betterment of the people. pic.twitter.com/zDRviSAdNS
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2023
कांग्रेस का 2002 से मोदी को गालियां देने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अनवरत आज भी जारी है। शब्दों की मर्यादाओं को पहली बार तोड़ते हुए 2007 में सोनिया गांधी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर जिस प्रकार की अभद्र टिप्पणी की गई भारतीय राजनीति में मर्यादाओं का अंत हो गया। इतने व्यक्तिगत हमले करने के बाद भी कांग्रेस नरेंद्र मोदी को छू भी नहीं पाई। मोदी और ज्यादा लोकप्रिय हुए, और ज्यादा सशक्त हुए। हर चुनाव में कांग्रेस को नेस्तनाबूत कर अपनी लकीर बड़ी करते चले गए।
संसद में मोदी का दिखा शायराना अंदाज
Modi In Parliament: कांग्रेस अपनी गलतियों से नहीं सीख रही और न ही अपनी गलतियों को स्वीकारने को ही तैयार है। आज संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने कवि व शायर दुष्यंत कुमार की जो पंक्तियां कही उसे यदि कांग्रेस सीख के रूप में ले तो यकीनन भविष्य में कांग्रेस विपक्ष के नेता की कुर्सी तक पहुंच सकती है। किंतु देश की वयोवृद्ध पार्टी की नई पीढ़ी अपनी ही सच्चाई से दूर है। एक घमंड के आकंठ में डूबी कांग्रेस ये भी नहीं देख पा रही कि मोदी विपक्ष को जवाब देते हुए भी अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए जनता को ही अपना रक्षक बताते हुए उन कार्यों को सामने रख देते हैं जो जनता के सरोकार के मुद्दे हैं। जिनसे जनता प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
कांग्रेस मोदी ईर्ष्या में भूली जन सरोकार के मुद्दे
Modi In Parliament: मोदी उन विषयों पर बात करते हैं, जिससे जनता जुड़ा हुआ महसूस करती है। जबकि कांग्रेस कभी पेगासस तो कभी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री तो कभी अडानी जैसे मुद्दों पर संसद चलने नहीं देती, जिसका सीधा सरोकार जनता से है ही नहीं। जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता कि पेगासस उसकी जासूसी कर रहा है या नहीं?
भारतीय राजनीति में धीरे-धीरे सिमटती हुई कांग्रेस नेतृत्व और खासकर नेहरू परिवार जब तक मोदी ईर्ष्या छोड़ जनता के मुद्दे नहीं उठाएगा तब तक कांग्रेस अपने मतदाताओं को यह भरोसा नही दिलवा सकती कि वो एक दिन सत्ता में आ सकती है। कल राहुल गांधी ने जिस 50 मिनट को खो दिया उसी 50 मिनट ने मोदी को स्वयं को जनता का रक्षक कहने का मौका दे दिया। यही मोदी के जीत का असली मंत्र है और यही कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण भी।
लेखक एवं स्तंभकार- अमित श्रीवास्तव, दिल्ली
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