Money laundering case : ED ने महाराष्ट्र सरकार में रहे मंत्री नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में कार्यवाही करते हुए 147 करोड़ की जमीन के साथ ही 5 फ्लैट को भी जब्त कर लिया है। ED ने कहा कि धन शोधन रोधी कानून (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के तहत संपत्तियों को कुर्क किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2022
आप को बता दे कि ED ने मुंबई के उपनगरीय कुर्ला (पश्चिम) में गोवावाला परिसर और एक वाणिज्यिक इकाई, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित 147.79 एकड़ कृषि भूमि, कुर्ला (पश्चिम) में तीन फ्लैट और बांद्रा (पश्चिम) में दो आवासीय फ्लैट को जब्त कर लिया है।
Money laundering case : सुप्रीम कोर्ट नवाब मलिक की याचिका पर करेगा विचार
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें उन्होंने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है। बता दे कि ईडी ने फरवरी में मुंबई से नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद नेता मलिक की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा।
नवाब मलिक ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है। पीठ ने कहा, ”कृपया कागजात दीजिए”। सिब्बल ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून 2005 में लागू हुआ था और मंत्री पर 2000 से पहले किए गए कथित अपराधों के लिए आरोप लगाया गया है।
Money laundering case : ED ने दाऊद के गुर्गों से जुड़े संपत्ति के सौदे में मलिक को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि ED ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के गुर्गों से जुड़े संपत्ति सौदे के सिलसिले में मलिक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद मलिक ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी और हिरासत के आदेशों को चुनौती दी थी। मलिक ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए हाल में एक अपील दायर की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने मामले में तत्काल रिहाई का अनुरोध करने वाली उनकी अंतरिम याचिका खारिज कर दिया था।
Money laundering case: हाईकोर्ट ने मलिक की याचिका खारिज की थी
मलिक ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट की खंडपीठ के 15 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमे यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी कि चूंकि विशेष पीएमएलए अदालत का उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश उनके पक्ष में नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आदेश गैरकानूनी या गलत है।
नवाब मलिक पर मुंबई में 300 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के प्रावधानों के तहत मलिक को गिरफ्तार किया। उसके बाद उच्च न्यायालय में यह दावा करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी कि ईडी द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में भेजा जाना गैरकानूनी है। ED ने मलिक पर, मुंबई के कुर्ला इलाके में 300 करोड़ की संपत्ति को हड़पने के लिए कथित आपराधिक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया ह। जब्त की गई संपत्ति का मालकिन मुनीरा प्लंबर है। मलिक ने उच्च न्यायालय में दावा किया कि उन्होंने तीन दशक पहले सही लेनदेन से संपत्ति खरीदी थी, लेकिन प्लंबर ने लेनदेन को लेकर अब अपना मन बदल लिया है।