National Emblem: पीएम मोदी ने शोमवार 11 जुलाई को सुबह नए संसद भवन की भव्य इमारत की छत पर कांस्य से बना राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया। लोगों के साथ–साथ पीएम मोदी भी अशोक स्तंभ के अनावरण के दौरान काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने अनावरण के बाद संसद भवन के काम में लगें मजदूरों से बात की और उनका हाल–चाल जाना।
PM @narendramodi unveiled the National Emblem cast on the roof of the New Parliament Building today morning.
He also interacted with the Shramjeevis involved in the work of the new Parliament.@PMOIndia pic.twitter.com/QriDbqNf0v
— DD News (@DDNewslive) July 11, 2022
पीएम मोदी का ये रूप आप पहले भी कई मौकों पर देख चुके हैं। मोदी का ऐसा आत्मीय व्यवहार लोगो को स्तब्ध करने के साथ ही उनका मन भी मोह लेता हैं। वहाँ मौजूद लोगों में पीएम मोदी को देखने की होड़ सी लग गई। हर कोई पीएम मोदी से हाथ मिलाना चाहता था और उनके साथ सेल्फी लेना चाहते थे।
मोदी जी तो अपने मोदी है किसी को भी निराश नहीं करते, उन्होंने लोगों के साथ हाथ भी मिलाया और सेल्फी भी खिचवाई। राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के अनावरण के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद रहे।
अशोक स्तंभ की खासियत आप भी जानेंगे तो प्रफुल्लित होना लाजिमी हैं। अशोक स्तंभ की लंबाई 6.5 मीटर है और इसका वजन की बात करे तो 9 हजार 500 किलाग्राम है।
इसे नए संसद भवन के सेंट्रल फोयर के शीर्ष पर स्थापित किया गया है। आप को बता दें कि 6.5 मीटर ऊंचे राष्ट्रीय प्रतीक को सपोर्ट देने के लिए साढ़े 6 हजार किलोग्राम का सपोर्टिंग स्ट्रक्चर बनाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक की ढलाई की अवधारणा और प्रक्रिया, मिट्टी मॉडलिंग और कंप्यूटर ग्राफिक्स से लेकर कांस्य कास्टिंग और पॉलिशिंग तक की तैयारी के आठ अलग–अलग चरणों में की गई है।
The concept sketch and process of casting of the National Emblem on the roof of New Parliament Building has gone through eight different stages of preparation from clay modeling/computer graphic to bronze casting and polishing. pic.twitter.com/sCWHMufa2J
— DD News (@DDNewslive) July 11, 2022
उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ ने सेंट्रल विस्टा के अनावरण को लेकर कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित राष्ट्रीय चिह्न ‘अशोक स्तंभ’ का अनावरण किया गया है।
भारत की लोक-धर्मिता को प्रकट करता यह राष्ट्रीय प्रतीक देश की सर्वोच्च पंचायत को लोक-कल्याण व राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिए अनंत काल तक प्रेरित करता रहेगा।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित राष्ट्रीय चिह्न 'अशोक स्तंभ' का अनावरण किया गया है।
भारत की लोक-धर्मिता को प्रकट करता यह राष्ट्रीय प्रतीक देश की सर्वोच्च पंचायत को लोक-कल्याण व राष्ट्र के सशक्तिकरण के लिए अनंत काल तक प्रेरित करता रहेगा।
जय हिंद! pic.twitter.com/PNqLoPYeUz
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 11, 2022
वहीं AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अनावरण को लेकर कहा कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख के रूप में, पीएम मोदी ने नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष LS का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है और पीएम मोदी ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है।
Constitution separates powers of parliament, govt & judiciary. As head of govt, @PMOIndia shouldn’t have unveiled the national emblem atop new parliament building. Speaker of Lok Sabha represents LS which isn’t subordinate to govt. @PMOIndia has violated all constitutional norms pic.twitter.com/kiuZ9IXyiv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 11, 2022
संसद भवन की इमारत होगी शानदार और जानदार
सेंट्रल विस्टा परियोना के अंतर्गत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत करीब 65,400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी।
इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे। बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है सेंट्रल विस्टा परियोजना। इस परियोजना की खासियत की बात करें तो एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन करने की योजना (प्रस्तावित) है।
पीएम मोदी ने सितंबर साल 2019 में सेंट्रल विस्टा योजना की घोषणा की थी और प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2020 दिसंबर को इस योजना का श्रीगणेश भी कर दिय़ा था।
सेंट्रल विस्टा का मतलब ही है सबको एक साथ बनाना और इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।