NIA Court: कश्मीर के अलगाववादी नेता और साल 1990 में रहे खुंखार आतंकी यासीन मलिक ने गत मंगलवार 10 मई को अपने ऊपर लगे सारे संगीन आरोपों को सही माना। पटियाला हाउस की NIA कोर्ट में यासीन मलिक ने कानून संगत सजा देने की माँग की है।
NIA Court: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 मई को NIA कोर्ट कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ लगाए गए सभी गंभीर आरोपों के लिए सजा पर सुनवाई करेगा। आप को बता दें कि आतंकी यासीन मलिक पर कठोर गैरकानूनी गतिविधियाँ निवारण अधिनियम (यूएपीए), देशद्रोह और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं।
अदालत से जुड़े सूत्रों ने बताया, “मलिक ने अदालत को बताया कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता है।”
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह 19 मई को यासीन मलिक के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनते हुए सजा पर फैसला करेंगे, इन गंभीर आरोपो के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।
बताया जा रहा है कि अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए हैं।
बता दें कि आरोप पत्र लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।
दरअसल यासीन मलिक वो खुंखार आतंकी जिस पर सन 1990 में कश्मीरी हिंदूओं के नरसंहार के साथ ही वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या का भी आरोप है। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष और पाकिस्तान की गोद में बैठा हुआ अलगाववादी नेता है।
उस पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप है। साथ ही उसे भारत में टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों के मामले में हिरासत में भी लिया गया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
गौर करने वाली बात यह है कि विवेक अग्निहोत्री निर्मित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की बदौलत ही ज्यादातर लोगों को पता चल सका कि खुंखार आतंकी बिट्टा कराटे और यासीन मलिक के द्वारा कश्मीरी पंडितों पर किए जुल्मों सितम का पता चल सका था। उसके बाद से ही जांच एजेंसियों ने भी इन दोनों आतंकियों के केस पर फिर से तेजी दिखाते हुए कोर्ट का रूख किया था। जिसके बाद से ही बिट्टा कराटे और यासीन मलिक पर लगे आरोपो पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है।