Pakistan PM Shareef: पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग पर आरोपी पाए गए जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित संगठन JKLF के प्रमुख यासीन मलिक पर पाकिस्तान ने घड़ियाली आंसू बहाने शुरू करते दिए। पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा कि कोई तो मादी को रोक लो। पीएम शरीफ ने कहा कि विश्व को IIOJK में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।
NIA कोर्ट उसको 25 मई को जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित संगठन JKLF के प्रमुख यासीन मलिक को सजा सुना सकता है। उस पर टेरर फंडिंग और UAPA के तहत मामला दर्ज है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम सजा आजीवन कारवास सुना सकता है।
Pakistan PM Shareef: शाहबज शरीफ का आरोप- यासीन मलिक को गलत तरीके से फंसाया है
उन्होंने कहा कि प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना व्यर्थ प्रयास है, भारत के मानवाधिकारों के हनन की आलोचना करने वाली 2 मौन आवाजें। मोदी शासन को 2 खाते होने चाहिए। उन्होंने मोदी को यासीन मलिक मामले में दोषी ठहराने का हर संभव प्रयास किया है।
World should take note of Indian govt's mistreatment of political prisoners in IIOJK. Conviction of prominent Kashmiri leader Yasin Malik on fake terrorism charges is futile effort 2 silence voices critical of India's blatant human rights abuses. Modi regime must b held 2 account
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 23, 2022
शाहबाज शरीफ ने QUAD SUMMIT को ही क्यूं चुना?
बता दें कि पाकिस्तान के पीएम साहबाज शरीफ ने QUAD SUMMIT वाला ही टाईम क्यों चुना? ये भी साहबाज की सोची समझी चाल का हिस्सा है। उसको लग रहा है कि ये एक माकुल मौका है जब यासीन मलिक के जरिए जम्मू कश्मीर का राप अलाप सकते है। विश्व विरादरी का ध्यान जम्मू कश्मीर की तरफ ला सकते है। लेकिन, वो ये भूल गए कि भारत किसी भी देश को अपने आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देता है।
पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास से यासीन मलिक मामले में की निंदा
पाकिस्तान ने देर रात को इस्लामाबाद में भारतीय राजदूत के प्रभारी को बुलाकर यासीन मलिक मामले भारत की आलोचना करते हुए कड़ी आपत्ति जातायी। पाकिस्तानी दूतावास ने भारतीय दूतावास को यासीन मलिक के मामले में दस्तावेज सौपा। जिसमें यासीन मलिक के खिलाफ मणगढ़ंत आरोप लगाकर अवैधरूप से फसाने की मोदी सरकार की आलोचना की गई है।
दरअसल यासीन मलिक वो खुंखार आतंकी जिस पर सन 1990 में कश्मीरी हिंदूओं के नरसंहार के साथ ही वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या का भी आरोप है। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष और पाकिस्तान की गोद में बैठा हुआ अलगाववादी नेता है।
उस पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप है। साथ ही उसे भारत में टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों के मामले में हिरासत में भी लिया गया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
कश्मीर के अलगाववादी नेता और साल 1990 में रहे खुंखार आतंकी यासीन मलिक ने गत मंगलवार 10 मई को अपने ऊपर लगे सारे संगीन आरोपों को सही माना। पटियाला हाउस की NIA कोर्ट में यासीन मलिक ने कानून संगत सजा देने की माँग की है।