Population control law: देश में तेजी से बढ़ती आबादी का मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है, लेकिन वह मुद्दा राजनीति का हिस्सा बनकर रह जाता है, लेकिन इस बार मुद्दा सीएम योगी आदित्यनाथ की जुबान से निकला है तो साहब समझो दूर तक भी जाएगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि योगी ने अभी तक मंच से जो कहा वो करके दिखाया है। इसमें चाहे फिर वह दंगाइयों पर बुलडोजर चलाने की बात हो या फिर वह गुंडा, बदमाश और भूमाफियों पर शिकंजा कसने की बात हो।
वैसे भी योगी जनता के पक्ष में कई बड़े और अहम फैसले ले चुके हैं, जनसंख्या पर कानून लाना यूपी के शेर के लिए बड़ी बात नहीं होगी। इसीलिए योगी आदित्यनाथ ने देश की सबसे बड़ी समस्या पर अपनी चिंता जाहिर की है। साथ ही समुदाय विशेष पर अपना निशाना भी साधा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा है, कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी प्रयास करते समय हमें इस बात का भी ध्यान देना होगा कि समुदायों के बीच आबादी का संतुलन न बिगड़े। ऐसा न हो कि एक वर्ग विशेष की आबादी तो तेजी से बढ़ जाए और जो यहां के मूल निवासी हैं उनकी आबादी कम हो जाए।
… जनसंख्या स्थिरीकरण की बात करें तो जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर समाज में समान रूप से जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम के साथ जुड़ने की आवश्यकता है। pic.twitter.com/vq65v52u03
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 11, 2022
ऐसा होने से अराजकता जन्म लेने लगती है।योगी के इस बयान के बाद देश की राजनीति में समझो भूचाल सा आ गया है। सीएम योगी के इस बयान पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और बोले कि क्या मुसलमान इस देश का मूल निवासी नहीं है। अब उनके पेट में दर्द हो भी क्यों न साहब उनको डर है कि अगर जनसंख्या कानून लागू हो गया तो उनकी राजनीति ही खत्म हो जाएगी।
वहीं एक वर्ग विशेष का खुद को हितैशी मानने वाले अखिलेश यादव भी योगी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी जनसंख्या कानून पर अपना दुखड़ा रो ही दिया। इतना ही नहीं समुदाय विशेष को खुश करने के लिए अखिलेश यादव ने कहा कि अराजकता आबादी से नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की बर्बादी से उपजती है।
अराजकता आबादी से नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों की बरबादी से उपजती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 12, 2022
भले ही जनसंख्या निंयत्रण कानून सभी जाति धर्मों के लिए लागू करने की बात होती हो, लेकिन इसकी चर्चा आते ही समुदाय विशेष के लोग सदमे में आ जाते हैं। इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि अभी सिर्फ यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या को लेकर बयान ही दिया था कि मीलों दूर बैठे सपा सांसद की बौखलाहट सामने आ गई और बोले यह सब अल्लाह की देन है यहां तक कि अपने बच्चों का खाने-पीने तक का इंतजाम अल्लाह ऊपर से करके भेजता है। ये बात अलग है साहब कि बेरोजगारी और बढ़ती मंहगाई के लिए योगी मोदी जिम्मेदार हैं।
Population control law: देशी की लगातर तेजी से बढ़ रही जनसंख्या सरकार के लिए सिर का दर्द बनी हुई है। भारत में एक साल के अंदर 2 करोड़, 69 लाख, 32 हजार, 586 बच्चे पैदा होते हैं। जो कि ऑस्ट्रेलिया जैसा देश हर साल भारत में जन्म ले लेता है। जब इस तेज रफ्तार से बढ़ती जनसंख्या पर योगी बयान देते हैं, तो समाज का ठेका लेने वाले क्यों तिलमिला उठते हैं? बढ़ती जनसंख्या को अल्लाह की देन बताने लगते हैं। बोलते हैं कि अल्लाह उनके खाने-रहने की व्यवस्था भी करके भेजता है, लेकिन इसके बाद फिर बेरोजगारी पर भी ढ़िंढोरा पीटने में पीछे नहीं रहते।
Population control law: सरकार को ये डर भी सताने लगा है, अगर जल्दी ही जनसंख्या पर कानून नहीं बना तो देश की बढ़ती आबादी और कुर्सी के लालच में मुफ्त देने वाली सुविधा भुखमरी की ओर ले जा सकती हैं। इसके जीते-जागते उदाहरण अफगानिस्तान और श्रीलंका हैं। दूसरी ओर देश के बहुसंख्यक समाज की बात करें तो उसे भाजपा से ही उम्मीद है कि वह देश में जनसंख्या कानून ला सकती है। देश की एक बड़ी आबादी को यह डर भी है कि अगर भाजपा इस कानून को किन्ही कारणों से नहीं ला पाती है तो देश की दूसरी राजनीतिक पार्टियां इस कानून को कभी नहीं ला सकतीं और देश के हालात बिगड़ते चले जाएंगे।
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