Rahul Gandhi on sedition Law: देशद्रोह कानून पर बोले राहुल गाँधी- सच बोलना देशद्रोह नहीं, सच कुचलना है राजहठ, रिजजू ने भी किया पलटवार

Rahul Gandhi on sedition Law

Rahul Gandhi on sedition Law: सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून के इस्तोमाल पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीति भी शुरू हो गयी है। इसी क्रम में  बुधवार 11 मई को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और देशभक्ति की बात की।

Rahul Gandhi on sedition Law: उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा है कि “सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है, सच को कुचलना राजहठ है। डरो मत!” इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशद्रोह कानून पर रोक लगाने वाला टीओआई का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया।

राहुल गाँधी के ट्विट के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजजू ने भी पलटवार करते हुए कहा “राहुल गाँधी के खोखले शब्द। अगर कोई एक पार्टी है जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान की विरोधी है, तो वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस है। यह पार्टी हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है और भारत को विभाजित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।”

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजजू ने अपने दूसरे ट्वीट में  लिखा कि इसलिए नेहरू जी ने पहला संशोधन लाया और श्रीमती इंदिरा गांधी ने भारत के इतिहास में पहली बार धारा 124ए को संज्ञेय अपराध बनाया? और अन्ना आंदोलन और अन्य भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों के दौरान नागरिकों को उत्पीड़न, धमकी और गिरफ्तारी के अधीन किया गया था? ये एक नई आईपीसी थी, जो कि 1973 में अस्तित्व में आई और 1974 में लागू हो गई।

रिजिजू यहीं नहीं रुके, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर राहुल के लेक्चर पर उन्हें उनकी दादी इंदिरा गाँधी द्वारा देश पर थोपे गए आपातकाल की याद दिला दी। रिजिजू ने कहा कि जहाँ तक फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचलने की बात है तो इसमें श्रीमती इंदिरा गाँधी तो गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। आपातकाल के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं उन्होंने 50 से भी ज्यादा बार अनुच्छेद 356 लगाया था और वो संविधान के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका को कमजोर करने के इरादे से ही आई थीं।

उन्होंने पी चिंदबरम के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अदालत के फैसले को पलट दिया, क्योंकि वह सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही थी। यूपीए सरकार का देशद्रोह के मामले दर्ज करने का सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड है। हमारी सरकार भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता और हमारे संविधान में निहित नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि वास्तव में ऐतिहासिक! सुप्रीम कोर्ट ने साफ संदेश दिया है। सत्ता के गढ़ों में बैठे दमन करने वालों और अधीनस्थों को आगाह किया जाना चाहिए – निरंकुश और तानाशाह शासकों के रूप में मुक्त भाषण का गला घोंटेंगे नहीं। सत्ता से सच बोलना देशद्रोह नहीं हो सकता और यथास्थिति बदल जाएगी।

Hanumangarh Communal Tension: VHP नेता पर जानलेवा हमला, लोगों का हनुमानगढ़ में विरोध प्रदर्शन
Sri Lanka : राष्ट्रपति गोटबाया का इस्तीफे से इंकार, हफ्तेभर में नया प्रधानमंत्री करेंगे नियुक्त
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।