Rahul Gandhi: राहुल गाँधी की फिर फिसली जुबान, बोले- यूपीए सरकार में आटा 22 रु लीटर और अब 40 रु लीटर, सोशल मीडिया पर जमकर लोग कर रहे ट्रोल

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi: नेता तो आपने बहुत से देखे होंगे, लेकिन शायद ही कोई इतना प्रतिभाशाली नेता देखा होगा जिसमें प्रतिभा इतनी कूट-कूट कर भरी हुई है कि वह ओवरफ्लो होकर खुद ही बाहर आने लगती है। वे अपने बयानों और हरकतों से आये दिन अपनी पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन जाते है और पार्टी के अन्य नेताओं और प्रवक्ताओं के पास एक काम बच जाता है उनके बयानों और हरकतों का बचाव करने का। जी हाँ हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के युवा नेता राहुल गाँधी की जो वक्त-वक्त पर ऐसे उलजलूल बयान देते रहते हैं और जगहसाई का कारण बन जाते हैं।

आप लोगों को 3 इडियट्स मूवी तो याद होगी जिसमें एक फनी चतुर नाम का कैरेक्टर होता है और उसका वो सीन अपने देखा होगा जिसमे वो भाषण देते हुए चमत्कार को बलात्कार पढ़ता है और एक बार नहीं बार-बार पढ़ता है। राहुल गाँधी भी उसी चतुर जैसे ही बयान देते रहते है।

राहुल गाँधी एक के बाद एक अजीबो-गरीब बयान देते रहते हैं। एक बार मध्यप्रदेश में महिलाओं की रैली को संबोधित करते वक्त बीजेपी सरकार की आलोचना करने के दौरान बलात्कार और भ्रष्टाचार में कन्फ्यूज हो गए थे। और उनका वो वीडियो इंटरनेट पर बहुत वायरल हुआ था।

Rahul Gandhi: 2014 के लोकसभा के चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद सोनिया गांधी अपना भाषण दे रही थी और उनके पास खड़े राहुल गांधी लगातार गंभीर बातों पर भी मुस्करा रहे थे।

राहुल गाँधी कहते हैं की, मैं जब भी कोई बयान देता हूं तो संता-बंता की तरह उसका सोशल मीडिया पर मजाक उड़ने लगता है। मैं कुछ भी बोलूं उसे कोई सिरियसली नहीं लेता। आखिरकार इस देश में क्या हो रहा है, कुछ ऐसे ही विचार आज राहुल गांधी के ज़हन में घूम रहे होंगे….

अब कोई राहुल गाँधी को ये समझाए की उनके उल्टे-पुल्टे बयानों से ही उनका मज़ाक बनता है, मन की बोलने की आज़ादी है इस देश में पर ऐसे की खुद का ही मज़ाक बना लो वो भी भरी सभा के सामने, तो ऐसे में मन से एक ही बात आते है, बस आपसे न हो पाएगा…..

Rahul Gandhi: भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई पर रैली बुलायी थी, महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए बुलाई गई इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे। राहुल गांधी ने रैली में भाषण भी दिया, जिसमें उन्होंने आम लोगों के लिए जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया…

लेकिन इस रैली में आखिर वही हुआ जिसका लोग अनुमान लगा रहे थे, जैसे ही राहुल गाँधी ने महंगाई के मुद्दे पर बोलना शुरू किया अचनाक उनकी जुबां ऐसी फिसली की लोग ठहाके लगा के हंसने लगे, मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए देश के सामने खड़े जरूरी मुद्दे भी उठाये, लेकिन जैसे ही उनके राजनीतिक विरोधियों ने रैली का एक वीडियो क्लिप शेयर किया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

ऐसा भी नहीं कि राहुल गांधी को उस बात का अंदाजा नहीं रहा – और भूल सुधार नहीं किया, लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था …. राहुल गाँधी ने लोगो से कहा की आपको आज जो बेरोजगारी दिख रही है… वो आने वाले समय में और बढ़ेगी… “आपको एक तरफ बेरोजगारी की चोट लग रही है और दूसरी तरफ महंगाई की” और इसी क्रम में राहुल गांधी पेट्रोल, डीजल, सरसों तेल की कीमतें बता रहे थे।

Rahul Gandhi: उनके पास 2014 की कीमत और अब हो चुकी कीमत की एक लिस्ट थी, जिसे देखते हुए वो बता रहे थे। जिस लिस्ट में पहले पेट्रोल, डीजल और सरसों तेल के दाम बताये गये थे, आगे आटे की कीमत की तुलना की गयी थी। चूंकि पहले की चीजें लीटर में बतायी जाने वाली थीं, राहुल गांधी आटे के लिए यूनिट के तौर पर किलोग्राम की जगह लीटर में ही बता दिया…..

बस फिर क्या था लोगों ने राहुल के भाषण का ये क्लिप निकाल कर सोशल मीडिया पर ऐसा उछाला की अब मीम्स की बाढ़ हा आ गयी है। हालांकि राहुल ने तुरंत चूक के अहसास होने के बाद Kg. में भाव बताकर गलती का सुधार भी किया लेकिन तब तक काम हो चुका था। आखिर क्या सोचकर आपने ये बयान दिया था ?

खैर यह पहली बार नहीं है जब राहुल किसी गंभीर मसले में भाषण दे रहे हों और फंबल कर गए हों, कभी स्टीव जॉब्स को माइक्रोसॉफ़्ट का मालिक कह देते हैं तो कभी आलू से सोना बनाने वाली मशीन की बातें करते हैं और अब आटा को लीटर में तौलते हुए दिखाई दिए हैं…

वैसे गलती इंसान से ही होती है और अपनी गलतियों से इंसान को सबक भी लेना चाहिए लेकिन राहुल गाँधी तो एक ही गलती बार- बार करते रहते है, अब तो लगता है ये इनकी फितरत ही बन चुकी है।

राहुल गांधी का आलू से सोना निकालने वाला बयान तो याद ही होगा। 2017 के गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में दिए बयान पर खूब मजे लिए गए थे। उन्होंने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि एक तरफ से आलू डालोगे और दूसरी ओर से सोना निकलेगा।

यहीं नहीं, 2017 में दिए इस बयान को 2018 के एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी खूब भुनाया गया था। आलू से सोना निकालने वाली बात के बाद से ऐसे कई मौके आए जब राहुल गांधी की जुबान भरे मंच में फिसल गई और अर्थ का अनर्थ हो गया। ये देखिये राहुल गाँधी ने अब तक कब और कितने अजब-गजब बयान दिए है।

राजनीति आपकी कमीज और पेंट में होती है।”
“अगर भारत एक कंप्यूटर है, तो कांग्रेस उसका डिफाल्ट प्रोग्राम है।”
“गुजरात यूके से भी बड़ा है।”
“भारत यूरोप और अमेरिका को मिलाने पर भी उससे बड़ा है।”
“गरीबी महज एक मनोदशा का नाम है।”
“मैं यूपी के किसानों के लिए आलू की फैक्टरी नहीं खोल सकता।”

अब राहुल गाँधी का किसी भी रैली में एक ही मकसद होता है वो है बीजेपी पर हमला करना, लेकिन इस बार वो खुद के बोले हुए शब्दों से ही निशाने पर आ गये तो फिर बीजेपी उन्हें कहां छोड़ने वाली थी।

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए संबित पात्रा ने राहुल गाँधी को आड़े हाथो लेते हुए यह कह दिया की उनका भाषण अपरिपक्व था , वो मुद्रास्फीति पर बोल रहे थे, उन्हें ये पता ही नहीं की आलू ज़मीन के ऊपर उगते है ये नीचे , उन्हें नहीं पता की आता ठोस होता है या तरल, लेकिन फिर भी वो हर विषय में बोलते है। इसके बाद कई लोगो ने एक के बाद एक ट्वीट किये और राहुल गाँधी की खिल्ली उड़ाई।

राहुल गांधी की शख्सियत में ऐसा क्या है कि वे पूरे देश के लिए मजाक का पर्याय यानि कॉमेडी ऑफ ऐरर (comedy of errors) बनकर रह गये है। एक होता है जान बूझकर कॉमेडी करना, दूसरा होता है जाने-अनजाने में ऐसी बात मुंह से निकल जाना, या कोई ऐसी घटना घट जाना कि वह मजाक का पर्याय बन जाए। राहुल गांधी दूसरे किस्म के कॉमेडियन हैं। अनजाने में ऐसी हरकतें कर जाते हैं। जिससे वे मजाक के पर्याय बन जाते हैं।

राहुल गांधी अपने फन में पूरी तरह माहिर हैं, रोजाना खबरों में बने रहने का कोई न कोई बहाना खोज लेते हैं। और जब भी उन्हें मौका मिलता है वो ऐसे रायता फैला देते है की पूरी कांग्रेस पार्टी उसे समेटने में लग जाती है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।