Ramcharit Manas Controversy: रामचरितमानस विवाद रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले बिहार के शिक्षामंत्री ने रामचरितमानस पर शर्मनाक बयान दिया था और उसके बाद सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवदित बयान देकर सनतनियों के साथ ही राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। इसके बाद से ही वो सनतनियों के साथ ही भाजपा के निशाने पर आ गए थे। और अब बसपा प्रमुख मायवती ने भी सपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “शूद्र कहकर सपा अपमान न करे”…
Ramcharit Manas Controversy: बसपा अध्यक्ष मयावती ने कहा कि “देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है। अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे।”
उन्होंने आगे कहा कि “इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं।”
Ramcharit Manas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य- रामचरित मानस को पाबंदी लगाने की थी मांग
गौरतलब है कि मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है।
#WATCH | I don’t have any issue with #Ramcharitramanas but a few parts of Ramcharitramanas have insulting comments & sarcasm specifying particular castes & sects, those should be banned…: SP leader #SwamiPrasadMaurya pic.twitter.com/qmPB8OuESh
— TOI Lucknow News (@TOILucknow) January 22, 2023