Ramcharitra Manas Vivad: रामचरितमानस पर बिहार से चला विवाद यूपी में जाकर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा रहा है। पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करके माहौल को गरमा दिया था। फिर रही सहीं कसर सपा के वरिष्ठ नेता एवं एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूरी कर दी थी। खबर ये आ रही है कि अब सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके 10 साथियों पर रामचरितमानस की प्रतिया जलाने पर केस दर्ज किया गया है। इनमें से 5 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया हैं।
Ramcharitra Manas Vivad:भाजपा नेता की तहरीर पर हुआ केस दर्ज
आपको बता दें कि रविवार को लखनऊ में प्रतियां जलाने का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा नेता सतनाम सिंह लवी ने पीजीआई कोतवाली में तहरीर दी थी। इसके बाद, माहौल बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में आरोप में पुलिस ने केस दर्ज किया।
यूपी के लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने श्री रामचरितमानस को फाड़ा..
किसी अन्य धर्म ग्रंथ के साथ ऐसा किया होता तो क्या होता? pic.twitter.com/stCLgmqXGp
— Shobhna Yadav (@ShobhnaYadava) January 29, 2023
गौरतलब है कि रविवार सुबह अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने वृंदावन में प्रदर्शन करके रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी। नारेबाजी कर इस पर बैन लगाने की मांग की थी और साथ ही कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस में संशोधन करने की मांग की। हालांकि, इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य इस दौरान मौजूद नहीं थे।
Ramcharitra Manas Vivad: मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। विवादित बयान देने के बाद से ही भाजपा के साथ ही कुछ सपा के नेता भी मोर्य पर हमलावर थे। अब बसपा अध्यक्ष मायवती ने भी सपा के एमएलसी मोर्य पर जोरदार हमला बोला है।
बसपा अध्यक्ष: सपा का राजनीतिक रंग–रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण
मायावती ने कहा कि “संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए–नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद–उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग–रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।“
1. संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक: मोर्य जैसे लोग समाज को बांट कर सुर्खियों में आना हैं मकसद
वहीं लखनऊ में यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस विवाद पर तंज कस कसते हुए कहा कि “स्वामी प्रसाद मौर्य के पास अब कहने को कुछ बचा नहीं है। सब निराश लोग हैं, चुके हुए हैं। जनता ने बुरी तरह इन्हें नकार दिया है, ये बस समाज को बांट कर सुर्खियों में आना चाहते हैं।”
मायावती: बीजेपी और सपा पर लगाया मिली भगत का आरोप
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि “रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर बीजेपी की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू–मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।“
उन्होंने बीजेपी और सपा पर एकसाथ निशाना साधते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा–भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक–दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।”
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