Rohingya Refugee: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “यहां रहने वाले और अवैध प्रवासी रोहिंग्या को मुफ्त पानी, बिजली, राशन दिया जाता है, अब उन्हें दिल्ली सरकार फ्लैट भी देगी… उन्होंने फिर झूठ बोला, रेवड़ी बांटी,वे (CM अरविंद केजरीवाल) डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं तैयार कर पाए। क्या CM जागेंगे और जवाब देंगे।”
Rohingya Refugee: वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि “हमें अखबारों से पता चला कि रोहिंग्या को घर देने की बात चल रही है। मुझे भी आश्चर्य हुआ? बाद में पता चला कि केंद्रीय अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिए गए थे और मुख्य सचिव के जरिए इन निर्णयों को अमल में लाने के लिए LG के पास भेजा गया था।”
Rohingya Refugee: दिल्ली के पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद एवं पूर्व क्रिकटर गौतम गंभीर ने भी दिल्ली के सीएम केजरीवाल को रोहिंग्या मुसलमानों के मामले घेरते हुए कहा कि “वह जवाब दें कि उन्होंने रोहिंग्या को अच्छी सुविधाएं देने वाला पत्र क्यों लिखा? हमारा रुख साफ है कि सारे रोहिंग्या को देश से निर्वासित किया जाना चाहिए। AAP रोहिंग्या को लेकर अपना रुख साफ करें। गृह मंत्री ने सरकार का रुख सदन में साफ किया है।”
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने कहा कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार रिपोर्टों के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA पहले ही MEA के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है और साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं।ये भी पढ़े…
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA पहले ही MEA के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है और साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं।ये भी पढ़े…