शिवपाल-अखिलेश विवाद: चाचा-भतीजे की अनबन के बीच अखिलेश को मिला नेताजी का आशिर्वाद, कहा- सबको देना चाहिए अध्यक्ष जी का साथ

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शिवपाल-अखिलेश विवाद:  चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के बीच अदाबत काफी पुरानी है। ये तब से चली आ रही है जबसे नेताजी ने सत्ता अखिलेश के हाथों में सौप दी थी। तभी से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव की नहीं बन रही है। परिवार की लड़ाई सड़क पर आ गई और नेताजी ने कई बार दोनों में सुलह करवाने की भी भरसक कोशिश की थी। लेकिन दोनों मे अब तक सुलह नहीे हो पायी। चाचा और भतीजे में अनबन के बीच समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बड़ा बयान दिया है। बेटे अखिलेश को नेताजी का आशिर्वाद मिल गया है।

शिवपाल-अखिलेश विवाद: नेताजी का हाथ अखिलेश के साथ

उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से अखिलेश यादव के साथ है। न्‍यूज़ 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में नेताजी ने कहा कि सभी समाजवादी एकजुट होकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ ना केवल खड़े हों बल्कि उनको ताकत देने का भी काम करें। सभी मजबूती से कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को मजबूती प्रदान करने का काम करें।

बता दें कि पिछले काफी दिनों से राजनीतिक गलियारों में खबर सुनने को मिल रही थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बीच में सब कुछ ठीक चल रहा है। लेकिन ऐसी खबरों जल्द ही विराम लग गया। अब सीएम योगी के करीब होने की खबर आ रही है।और साथ ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

नेताजी का आशिर्वाद अखिलेश को मिलने के बाद, शिवपाल का भाजपा में शामिल होेने के फैसले को और भी बल मिला है।माना जा रहा है कभी भाई को साथ लेकर चलने वाले नेताजी ने भाई का साथ छोड़कर अब बेटे के पक्ष में खुलकर बयान देने शुरू कर दिए है।

इसी बीच समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि सबको सपा प्रमुख का साथ देना चाहिए।

गौरतलब है कि 26 मार्च को लखनऊ में सपा बैठक में ना बुलाए जाने से खफा शिवपाल ने इटावा आकर अपने समर्थकों से बैठक की। उसके बाद 27 मार्च को दिल्ली जाकर नेताजी से मिलकर अपनी बात रखी।  नेताजी से बात करने का असर भी हुआ और आनन-फानन में  29 मार्च को सपा गठबंधन के सभी विधायकों की बैठक में उनको बुलाया भी गया, लेकिन वह इस बार नहीं पहुंचे।

शिवपाल-अखिलेश विवाद: शिवपाल ने बनाई मुलायम से दूरी

चाचा शिवपाल की नाराजगी तब और दिखी जब एमएलसी चुनाव ह्ए। बता दे कि  इटावा-फर्रूखाबाद सीट के एमएलसी चुनाव के 9 अप्रैल से नोताजी लगातार इटावा में थे और इस दौरान शिवपाल ने इटावा में होने के बाद भी नेताजी से मिलने की जहमात नहीं उठाई।

शिवपाल की नेताजी से बरूखी तब और सामने आ गई , जब 9 मार्च को मतदान के समय एक पत्रकार ने शिवपाल से नेताजी नहीं मिलने का कराण पूछा तो वह खासे नाराज होकर बोले कि तुम मिल आयो।

क्या भाजपा में जाएंगे शिवपाल?

जब शिवपाल से पूछा गयो कि आप भाजपा में शामिल होने जा रहे है तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्‍होंने केवल इतना कहा कि जब कुछ होगा तो बुला कर बता देंगे। इंतजार कीजिए कुछ अच्छी सूचना मिलेगी।

राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो शिवपाल सिंह यादव की भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हो मुलाकात हो चुकी है, लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।

बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भाजपा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के पद से नवाज सकती है।खबर तो यहां तक चल रही है कि शिवपाल डिप्टी स्पीकर बनने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह कब जाएंगे यह तय नहीं हैं।

ये इसलिए भी नहीं हो पा रहा है की यूपी का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता कि किसी को भी भाजपा में शामिल किया जाए। इसकी तस्दीक खुद डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ योगी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी पहले कर चुके हैं कि भाजपा को अब किसी भी पार्टनर की कोई जरूरत नहीं है।

हालांकि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा से भाजपा सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया जरूर शिवपाल को लेकर कहते हैं कि यदि वह भाजपा में अपनी आस्था जता रहे हैं तो ये अच्छी बात है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।