Singer Moosewala Murder Case: सिद्धू मुसेवाला की हत्या से उड़ी गृहमंत्री अमित शाह की नींद, भारतीय सेना के पास भी नहीं AN-94

Singer Moosewala Murder Case

Singer Moosewala Murder Case: गत रविवार को पंजाबी गायक एवं काँग्रेस नेता सिद्धू मुसेवाला की हत्या कर दी गई। मुसेवाले की हत्या तब हुई जब वो अपनी माँसी का हालचाल पूछने जा रहे थे। आप को बता दें कि मनसा गांव के जवाहरके में गोली मार कर दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। मुसेवाले की हत्या के बाद से ही पंजाब की मान सरकार की प्रदेश में, कानून व्यवस्था को लेकर आलोचना हो रही है। मुसेवाला की हत्या के बाद पंजाब सरकार के लिए तो गले की फांस ही बन गई है। मुसेवाला की हत्या के बाद से ही भगवंत मान की रातों की नींद ही उड़ गई है और साथ में गृहमंत्री अमित शाह और सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भी नींद उड़ गयी है। सिद्धू मुसेवाला की हत्या में अत्याधुनिक हथियार AN-95 से तबड़तोड़ गोलिया बरसाकर हत्या कर दी गई। ये ही वजह है कि अजित डोभाल और अमित शाह परेशान हो गए। ये चिंता वाली बात इसलिए है क्योंकि, इतनी अत्याधुनिक हथियार तो हमारी सुरक्षा एजेसियों और यहां तक कि भारतीय सेना पर भी ऐसे हथियार नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि पंजाब के अपराधियों के पास इतने अत्याधुनिक हथियार कहां से रहे है। कुल मिलाकर गृहमंत्री अमित शाह और अजित डोभाल फुल टेंशन में है।

Singer Moosewala Murder Case: उनके टैंशन की एक बड़ी वजह ये भी है कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकी एक्टिव हो गए है। और ये भी डर लग रहा है कि खालिस्तानी आतंकी पंजाब में और देश के सारे हिस्सों में कुछ बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे सकते है। पंजाब, देश की राजधानी दिल्ली समेत,देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन के दौरान खालिस्तानी झंडे फहराए गए थे।

भगवंत मान सरकार ने मुसेवाला की सुरक्षा क्या हटाई उसके बाद ही मुसेवाला की हत्या हो गई है। उसके बाद मुसेवाला की माँ ने भगवंत मान पर हमला करते हुए कहा कि अब पंजाब सरकार का खजाना भर गया होगा। AN-94 एसाल्ट राइफल रूसी सेना के साथ कुछ ही देश की सेना यूज करती है। सवाल ये उठता है कि पंजाब के अपराधियों या गैंग के पास कहां से ऐसे अत्याधुनिक हथियार आए।

Singer Moosewala Murder Case: क्यों है इतना खतरनाक हथियार AN-94 Assault Rifle?

1980 में शुरू की गई इस राइफल डिजाइनिंग 1994 में पूरी हो गई। इसे चीफ डिजाइनिंग गेनाडी निकोनोव ने बनाया है इन्होंने ही सबसे पहले निकोनोव मशीन बनाई गई। यह असॉल्ट राइफल 1997 से लगातार रूप से सैन्य बलों में सेवा दे रही है और ये फिलाहल कुछ ही देशों के पास है। 37.1 इंच लंबाई वाली इस राइफल के बैरल की लंबाई 15.9 इंच है और ये इतनी खतरनाक है कि बर्स्ट मोड में इससे 1800 गोलियां दागी जा सकती हैं। ऑटोमैटिक मोड में यह हर मिनट 600 राउंड गोलियां दागती है। गोलियों की गति 900 मीटर प्रति सेकेंड है। यानी 2 गोलियों के निकलने में समय का अंतर माइक्रोसेकेंड्स में होता है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।