Ukraine-Russia War: यूक्रेन-रूस के युद्ध का आज 76वा दिन है और अब इस युद्ध को दो महीने से ज्यादा हो गया है। दोनो तरफ जान-माल का काफी नुकसान हो रहा है। अब खबर आ रही है कि जर्मनी और फ्रांस ने युद्ध लड़ रहे रूस और यूक्रेन से तत्काल प्रभाव से सीजफायर करने की अपील की है। दोनों देश के प्रमुखों ने कहा है की अगर कीव और मास्को तैयार है तो वह संयुक्त रूप से शांति स्थापित करने के लिए उनके बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
Ukraine-Russia War: बता दें कि मैक्रों और ओलाफ ने संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए ये बात कही है। दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के क्रम में दोनों देशों के प्रमुखों के द्वारा दिए गए बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Ukraine-Russia War: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रान का कहना है कि दोनों देशों के बीच उभरे तनाव को कम करने के लिए और शांति स्थापित करने के लिए वो अपनी अहम भूमिका निभाने को तैयार हैं।
वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने रूस की सेना की यूक्रेन से वापसी के लिए कदम उठाने की बात कही है। उनका ये भी कहना है कि इससे पहले दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की शांति स्थापना को लेकर बात होनी भी बेहद जरूरी है।
फ्रांस राष्ट्रपति और जर्मनी चांसलर दोनों का ही कहना है कि इस युद्ध का हल केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। इसके लिए रूस और यूक्रेन दोनों को ही बातचीत की मेज पर आना जरूरी है। इन्होंने कहा कि उनका मकसद केवल दोनों देशों के बीच शांति स्थापित कर युद्ध को रोकना है।
इसके लिए वे यूक्रेन की मदद बातचीत के लिए शर्तों और बिंदुओं को रखने में कर सकते हैं। इस प्रेस वार्ता में मैक्रों ने कहा कि वो जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से एक नई यूरोपीयन कम्यूनिटी को बनाने के मुद्दे पर बात करेंगे। इस बारे में उन्होंने ओलाफ से भी बात की है।
इससे पहले मैक्रों ने कहा था कि यूक्रेन को यूरोपीयन यूनियर का सदस्य बनने में कुछ वर्षों से दशकों तक का समय लग सकता है। ये भी उसके यूरोपीयन यूनियन के अपने स्टेंडर्ड पर खरा उतरने के बाद का समय है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए सबसे पहली शांति वार्ता की शुरुआत फरवरी के अंतिम सप्ताह में हुई थी। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच पहली बातचीत बेलारूस की सीमा पर हुई थी। इस बातचीत में दोनों ही देश इसे आगे जारी रखने पर राजी हुए थे। मार्च के अंतिम दिनों में दोनों देशों का एक प्रतिनिधिमंडल तुर्की में मिला था जिसमें यूक्रेन की तरफ सीजफायर का एक प्रपोजल दिया गया था। उस वार्ता का ये परिणाम भी निकला था कि कुछ दिनों के लिए यूक्रेन के शहरों में सीजफायर भी कर दिया था। लेकिन ये सीजफायर लंबें समय तक नहीं चल सका था।