UP News: कहते है प्रेम की कोई भाषा नहीं होती है इंसान से लेकर पक्षियों और पशुओं तक सब प्रेम को भली भाँती समझते है। अगर ये कहा जाएं कि इंसान प्रेम में कभी-कभी स्वार्थी भी हो जाता है, लेकिन जानवरों का प्रेम तो निस्वार्थ होता हैं। बेजुबान जानवरों में कुत्तों के बारें में तो बहुत बार सुना होगा कि वो सबसे वफादार होता हैं। आपने सुना भी होगा कि कुत्तें ने कई मौकों पर अपनी मालिक की जान बचाई हो।
UP News: कभी आपने सुना है कि कभी किसी भैंस ने अपने मालिक की जान बचाई हो, लेकिन ये सौ फीसदी सच है। जी हा अपने मालिक की जान बचाने के लिए भैंस ने अपनी जान की परवाह तक नहीं की और उसने जब तक अपनी कोशिश को जारी रखा जब तक अपने मालिक को बचा नहीं लिया। लेकिन अफसोस अपने मालिक को बचाने के दौरान कल्लों की जान चली गई।
UP News: पूरा गाँव कल्लों की जान जाने से शोक में डूबा है और सब गाँव वाले कल्लों की तारीफ खुले मन से कर रहे हैं। कह रहे है कि ऐसी वफादार भैंस उन्होंने पूरी जिंदगी के दौरान कभी नहीं देखी और न ही कभी देख पाएंगे। आपके मन में भी कोतहुल हो रहा होगा कि कल्लों ने ऐसा क्या कर दिया जो पूरा गाँव शोक में डूब गया और हर कोई उसकी तारीफों के पुल बाँध रहा हैं।
आप को बता दें कि भदोही के बाबूसराय गांव में रहने वाले पारस पटेल के घर में ही कल्लों रहती थी। रोज की तरह पारस खाना खाने के बाद घर के बाहर ही चारपाई पर सो रहे थे। रात के करीब एक बजे अचानक बारिश होने लगी। पारस पटेल उठे और जल्दी-जल्दी अपना बिस्तर समेटने लगे। तभी तेज बारिश में बिजली का एक जर्जर तार जमीन पर गिरकर जलने लगा।
पारस ने बांस के एक डंडे से तार को हटाने की कोशिश की। पारस पटेल जलते हुए तार को बांस से हटाने की कोशिश कर ही रहे थे कि तभी तार मुड़कर उनके सीने से चिपक गया। चंद पलों में पारस की मौके पर ही मौत हो गई।
पिता को जलता देख बेटे शिवशंकर ने भी अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया तो वह भी बिजली के तार की चपेट में आ गए और छटपटाने लगे। इसी दौरान उसने शिवशंकर को तड़पता देखकर कुछ दूर पर बंधी भैंस ‘कल्लो’ अपना खूंटा उखाड़कर वहां पहुंच गई और शिवशंकर को बचा लिया, लेकिन खुद तार से चिपक गई और झुलसकर उसकी मौत हो गई।
बिजली के तार की चपेट में आने के कारण शिवशंकर भी गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें पहले उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां पर स्थिति खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया। जांच करने पहुंचे उप खंड अधिकारी ईश्वर शरण सिंह ने इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। उन्होंने कहा कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय की जांच के बाद ही आर्थिक सहायता मिल पाएगी।
मृतक पारस पटेल अपनी भैंस को प्यार से ‘कल्लो’ कहकर पुकारते थे। पूरे गांव में कल्लो की वफादारी की चर्चा है। लोगों का कहना है कि अगर भैंस बीच में न आई होती तो बेटे की भी बिजली के करंट से मौत हो जाती। भैंस ने आखिरकार अपनी जान देकर शिवशंकर को बचा लिया। हालांकि, ये अलग बात है कि उसकी हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
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