Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में राज्य विधानसभा में उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता(UCC) उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश किया था। यूसीसी पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “देश में वर्षों से लोगों की मांग थी कि समान नागरिक संहिता लागू की जाए ताकि समानता की भावना बनी रहे। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा कदम है…यह कदम नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद करेगा…”
#WATCH दिल्ली: यूसीसी पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “देश में वर्षों से लोगों की मांग थी कि समान नागरिक संहिता लागू की जाए ताकि समानता की भावना बनी रहे। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा कदम है…यह कदम नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद करेगा…” pic.twitter.com/VpvpVRurxr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2024
Uttarakhand:बिल पेश होने के दौरान सदन में लगे थे वंदे मातरम और जय श्री राम के नारे…
Uttarakhand: इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 6 फरवरी को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पेश किया था। ये बिल पास होने के बाद उत्तराखंड देश में आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। देहरादून में सीएम धामी द्वारा राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों द्वारा “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे भी लगाए गए थे। बिल पेश करने के दौरान विपक्ष ने सदन में इतना हंगामा किया कि विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही को बीच में स्थगित करना पड़ा था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी:“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मजबूत आधार स्तम्भ
Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिल पेश करने के बाद कहा था कि “हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।”
क्या है समान नागरिक संहिता ?
Uttarakhand: समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का उद्देश्य नागरिक कानूनों में एकरूपता लाना है। यानी प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना।समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है। यह राज्य से सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता के लिए प्रयास करने का आग्रह करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
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