Gyanvapi Maszid Case Update वाराणसी कोर्ट के ज्ञानवापी परिसर को लेकर दिए गए आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। और आज सुप्रीम कोर्ट अंजुमन मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।
Gyanvapi Maszid Case Update: आप को बता दें की अंजुमन मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें, वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का वीडियो सर्वे का आदेश भी दिया था। इसी आदेश को अंजुमन मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है। इस याचिका की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच करेगी। इसके बाद हिंदू सेना ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
गौरतलब है कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का 16 मई को तीसरा और अंतिम दिन का सर्वे अधिवक्ता आयुक्त (advocate commissioner) अजय कुमार मिश्र की अगवाई में पूरा हो गया था।
17 मई को अजय मिश्रा को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में पेश की जानी है। वहीं हिंदू पक्ष का दावा है कि ‘अंदर बाबा मिल गए’ और वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसको झुठलाया।
वहीं डीएम कोशलराज ने आदेश देते हुए कहा था कि जहां से शिवलिंग निकला है उस स्थान को सील कर दिया और उस जगह पर भारी पुलिसबल को भी तैनात भी कर दिया था।
आप को बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे कर रहीं टीम को बाते सोमवार 16 मई को 12 फीट 8 इंच लंबा शिवलिंग मिला है। और हिंदू पक्ष का दावा भी साबित हुआ कि जब उन्होंने कहा था कि उम्मीद से ज्यादा मिलेगा।
वहीं सर्वे के बाद ज्ञानवापी से बाहर निकले हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने मीडिया से कहा कि अंदर बाबा मिल गए। इस बारे में पूछने पर कहा कि जिन खोजा तिन पाइयां..तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। दावा किया कि गुंबद, दीवार और फर्श के सर्वे के दौरान कई साक्ष्य दबे हुए से दिखे। उन्होंने पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की बात कही। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने कहा कि अंदर कुछ भी नहीं मिला।
बता दें कि वाराणसी कोर्ट के विडीयोग्राफी के आदेश के मुताबिक बीते शुक्रवार (14 मई) से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का काम शुरू हुआ था।पहले दिन 4 तहखानों का विडीयो सर्वे हुआ था टीम ने चप्पे-चप्पे की जांच की थी। दिवारों की बनावट की भी गहन जांच की थी। वहीं हिंदू पक्ष का दावा था कि अंदर हमारी सोच से भी ज्यादा बहुत कुछ है। और दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने भी सर्वे में सहयोग करने का दावा किया था।
गौरतलब है कि वाराणसी ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। याचिकाकर्ता अंजुमन ए इंतोजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समीति के वकील हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका फाइल की थी।
उनके वकील हुजेफा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा।ज्ञान वापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को रोकने से इंकार कर दिया था।