Written bye Aniket Sardana…
VL-SRSAM Missile: भारतीय रक्षा DRDO ने भारतीय नौसेना के बैटलशिप से ऐसे मिसाइल का परीक्षण किया है, जो अपनी गति, अचूकता और अपनी मारक क्षमता के लिए जानी जाएगी, इसको भारत में ही बनाया जाएगा। इसकी गति इतनी ज्यादा है की दुश्मनों के रडार को इसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन साबित हो सकता है। परीक्षण ओडीशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में किया जो की सफल रहा।
आप को बता दें कि इस मिसाइल का नाम है VL-SRSAM है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसमें स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर लगा है जो इसकी सटीकता को कई गुणा बढ़ा देता है। जिसकी वजह से मिसाइल टारगेट को बीच रास्ते में ध्वस्त कर सकती है।
VL-SRSAM Missile: कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लड़ाकू विमान या मिसाइल पहले रडार से बच जाते थे लेकिन अब इस मिसाइल की सफलतापूर्वक परिक्षण के बाद इनका धवस्त होना निश्चित हैं। इसका का मतलब ये है कि पहले जो हमारे रडार को चकमा दे सकते थे अब उनके बचने की गुंजाइश पूरी तरह से खत्म हो गयी है। ये भारतीय मिसाइल दुश्मनों के अरमानों की धज्जियां उड़ा कर रख देगी।
VL-SRSAM Missile: DRDO ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया है कि यह मिसाइल कौनसी सेना के बैटलशिप से दागी गई है। लेकिन, भारत का ये रहस्यमयी हथियार बेहद घातक है। इस मिसाइल को बनाने में DRDO लेबोरेट्री पुणे, रिसर्च सेंटर इमारत हैदराबाद और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पुणे शामिल हैं।
इस मिसाइल की टेस्टिंग इसलिए हो रही है कि भारतीय जंगी जहाजों से बराक-1 मिसाइलों को हटाया जा सके। बराक-1 मिसाइल इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम ने मिलकर बनाई है। इस मिसाइल का वजन मात्र 98 kg बताया जा रहा है।
Defence Research & Development Organisation (DRDO) and Indian Navy today successfully flight tested Vertical Launch Short Range Surface-to-Air Missile (VL-SRSAM) from the Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast of Odisha pic.twitter.com/NgNBuUaDdz
— ANI (@ANI) August 23, 2022
VL-SRSAM मिसाइल की खासियत
VL-SRSAM मिसाइल की रेंज 25 से 30 किलोमीटर बताई गई है और परीक्षण को देखते हुए आप को बता दें कि यह लो फ्लांइग रेंज मिसाइल है। ये मिसाइल अधिकतम 12km की ऊंचाई तक जा सकती जिसकी वजह से दुश्मनों के रडार धौखा देने में कामयाब हो जाती है। दुश्मन को इश का भान भी नहीं होता औऱ ये पलभर में टारगेट को तबाह कर देती है।
इसकी स्पीड की बात करे तो इसकी गति बराक-1 से करीब दोगुनी है। अधिकतम मैक 4.5 यानी 5556.6 km प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती सकती है। इसे किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है चाहे वो जल हो या थल हो या फिर वायू ही क्यों ना हो इस मिसाइल को किसी भी मौसम में दागा जा सकता है।
हालांकि, भारतीय नौसेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है या नहीं… लेकिन इस मिसाइल की बात करे तो इस साल के आखिर में सेना में इसकी तैनाती का हो सकती है।
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