क्यों ख़ास है प्रेमियों के लिए वेलेंटाइन डे? गुलाब देना ही नहीं है प्यार का प्रतीक बल्कि…

वेलनटाइन डे

प्रेमियों के लिए खास दिन है वेलेंटाइन डे, लेकिन गुलाब देना ही नहीं प्यार का प्रतीक… बल्कि, आखिरी सांस तक वादा निभाना ही है असली प्रेम… आज के दौर की बात करें तो युवाओं के लिए वेलेंटाइन मौज मस्ती से ज्यादा कुछ नहीं रह गया है। आजकल के युवा वेलंटाइन डे को रेडीमेड लव से ज्यादा कुछ नहीं मानते हैं। उनके लिए प्रेम इंसटेंट काॅफी की तरह हो गया है। कब काॅफी खत्म और कब प्यार काफूर हो जाता है और ये उनको भी पता नहीं चलता… आजकल के युवा प्रेम के मामले में भ्रमित नजर आते है। उनका प्रेम क्षण भंगुर का है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में युवाओं को सही मायने में कहा जाए तो प्रेम करने का वक्त ही नहीं है। वो तो केवल आलिंग्न करना चाहते है और फिर तुम कौन और हम कौन? दोनों के रास्ते कभी भी जुदा हो सकते है। प्यार के सही मायने आज का लव बर्ड्स जानना ही नहीं चाहते। दु:ख तब ज्यादा होता है जब कुछ लोगों के लिए प्यार सिर्फ लव, सैक्स और धोखे के अलावा कुछ नहीं रह जाता।

प्रेम बिना सब सून…

लेकिन, दुनिया का हर बंधन प्यार से बना होता है, अगर सकारात्मक नजरिए से इसे देखा जाए तो प्यार न हो, तो जिन्दगी में खुशियाँ नहीं हो सकती, वैसे प्यार का इज़हार कभी वक्त या मुहूर्त देखकर नहीं किया जाता। प्यार बिन बोले ही बयाँ हो जाता है, प्यार अहसास का एक ऐसा समुंदर है। जिसमें अगर तूफ़ान भी आये, तो किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। प्यार त्याग, विश्वास की एक ऐसी डोर है, जिसे बस महसूस कर सकते है, जिसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं है। ऐसे ही प्यारे अहसास को जब एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, तब वह दिन एक यादगार बन जाता है।

जीवन में जब सब कुछ प्यार ही है, तो इस अनमोल अहसास को वक्त देना भी बहुत जरुरी है और वक्त शायद इस भाग दौड़ की दुनिया में कहीं खो गया है, वक्त एक ऐसा पंछी है, जो अगर हाथ से निकल गया, तो वापस नहीं आता और जिन्दगी में वक्त सुन्दर यादों में ही कैद हो पाता है।

वेलेंटाइन डे के दिन पर फूहड़ता का प्रदर्शन कितना सहीं…

पश्चिमी देशों की बयार आज कल युवाओं पर ऐसी चढ़ी है की उतरने का नाम नही ले रही है। 14 फरवरी मतलब प्यार करने वालों की भाषा में वेलेंटाइन डे लेकिन आज कल ये प्यार का दिन हवस का दिन भी बन गया है। क्योंकि पहले हमने और आपने देखा होगा कि पार्क और गार्डेनों में प्रेमी जोड़ों को खूब प्यार की चटनी परोशते नजर आते थे। लेकिन आजकल ये फूहड़ता मेट्रो और बसों में खूब देखने को मिल जाती है।

दरअसल, बात यह है कि आज के युवाओं को प्यार की मर्यादा का भान ही नहीं है। उनकी नजरों में आज कल लोगों को खुले में प्यार दिखाना ही प्यार माना जाता है। प्यार करेंगे खुल्लम खुल्ला हम दोनों , प्यार किया तो डरना क्या जैसे बेहूदा जुमलों को आज की युवा पीढ़ी चटनी बनाकर चाट चुकीं है।

हालांकि, युवाओं की कुछ एक गलत हरकतों की वजह से इस त्यौहार पर अश्लीलता फैलता नजर आ रही है। लेकिन , अब हमें ये कोशिश करनी है की इस दिन को देह व्यापार का दिन नहीं बनाना हैं। अब इस वेलेंटाइन डे पर आप समाज में प्रेम को बढ़ावा दे और इस दिन को बेहद खास बनाए। और अपने पार्टनर को बेहद सुखद पल का एहसास कराए। लेकिन ये सब एक मर्यादा में होना चाहिए… क्योंकि प्रेम तो एक ऐसा सुखद अनुभव है जिस पर आपको (लव बर्ड्स) गर्व होना चाहिए न कि आपकी वजह से किसी को भी शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए…

क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?

वैलेंटाइन किसी दिन का नाम नहीं है, यह नाम है एक पादरी का नाम है। जो रोम में रहता था। उस वक्त रोम पर Claudius नामक किंग का शासन था। जिसकी इच्छा थी। वह एक शक्तिशाली शासक बने। जिसके लिए उसे एक बहुत बड़ी सेना बनानी थी, लेकिन उसने देखा कि रोम के वो लोग जिनका परिवार है, जिनके बीबी, बच्चे है।

वो सेना में नहीं आना चाहते है। तब उस शासक ने एक नियम बनाया, जिसके अनुसार उसने भविष्य में होने वाली सभी शादी पर प्रतिबन्ध लगवा दिया। यह बात किसी को ठीक नहीं लगी, लेकिन शासक के सामने कोई कुछ नहीं कह सका।

यह बात पादरी वैलेंटाइन को भी ठीक नहीं लगी। एक दिन एक जोड़ा आया, जिसने शादी करने की इच्छा ज़ाहिर की, तब पादरी वैलेंटाइन ने उनकी शादी चुपचाप एक कमरे में करवाई। लेकिन उस शासक को पता चल गया और उसने पादरी वैलेंटाइन को कैद कर लिया और उसे मौत की सजा सुनाई।

जब पादरी वैलेंटाइन जेल में बंद था, तब सभी लोग उससे मिलने आते थे, उसे गुलाब और गिफ्ट देते थे, वह सभी बताना चाहते थे, कि वह सभी प्यार में विश्वास करते है, पर जिस दिन उनको मौत की सजा दी, वह दिन 14 फरवरी 269 A.D. था, मरने से पहले पादरी वैलेंटाइन ने एक खत लिखा, जो कि प्यार करने वालो के नाम था। वैलेंटाइन प्यार करने वालों के लिए ख़ुशी ख़ुशी कुर्बान हुआ है और प्यार को जिन्दा रखने की गुहार करता है, इसलिए उस दिन से आज तक 14 फरवरी को वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन डे के नाम से मनाये किया जाता है।

अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट खबर इंडिया के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

ये भी पढे़ं…

Farmer Protest 2024: किसान आंदोलन के तहत दिल्ली में चाक चौबंद सुरक्षा, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दी किसानों को नसीहत
Loksabha Election 2024: AAP का बड़ा बयान, दिल्ली में कांग्रेस एक भी सीट की नहीं हकदार
By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।