World Women Boxing Championship:बॉक्सिंग में बजा भारत का डंका, निकहत-लवलीना ने जीता गोल्ड

World Women Championship

World Women Boxing Championship: भारत की निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन ने वूमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है। दिल्ली में आयोजित फाइनल मुकाबले में निकहत जरीन ने वियतनाम की गुयेन थी टैम को हराया। वहीं लवलीना ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैटलीन पार्कर को मात दी। भारत ने विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में कुल चार Gold मेडल जीत लिए है।

महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने शानदार खेल दिखाया है। मौजूदा समय में देश की सबसे बेहतरीन और लोकप्रिय मुक्केबाज निकहत जरीन ने भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। निकहत जरीन ने 48-50 किग्रा भारवर्ग में देश के लिए पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने लगातार दूसरी बार यह प्रतियोगिता अपने नाम की है।

World Women Boxing Championship:निकहत जरीन ने भारत को दिलाया तीसरा स्वर्ण

World Women Boxing Championship: निकहत जरीन ने महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया है। उन्होंने वियतनाम की न्यूगेन थी ताम को फाइनल में मात दी। निकहत से पहले ही स्वर्ण पदक की उम्मीद की जा रही थी और उन्होंने आशा अनुसार प्रदर्शन कर देश को पदक दिलाया है। फाइनल मैच में निकहत ने शुरुआत से ही शानदार प्रदर्शन किया।

पहले राउंड में उन्होंने 5-0 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद दूसरे राउंड में भी उन्होंने अपनी बढ़त जारी रखी। तीसरे राउंड में उन्होंने वियतनाम की मुक्केबाज को शानदार पंच जड़ा। इसके बाद रेफरी ने मैच रोककर वियतनाम की मुक्केबाज का हाल-चाल जाना। यहीं से निकहत की जीत तय हो गई थी। अंत में उन्होंने यह मुकाबला 5-0 के अंतर से अपने नाम किया और लगातार दूसरी बार बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत ली।

आसान नहीं रहा निकहत का सफर

निकहत के लिए बॉक्सिंग में करियर बनाना आसान नहीं था। उनका जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और मां का नाम परवीन सुल्ताना है। निकहत के परिवार में उनसे बड़ी दो बहनें और एक छोटी बहन है। चार बेटियों के पिता जमील अहमद सेल्समैन का काम करते हैं और मां गृहणी हैं।

 

निकहत ने महज 13 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू कर दी थी, लेकिन उनके लिए यह आसान नहीं था। समाज की तरफ से उन पर हिजाब पहनने का दबा डाला गया। उनके शॉर्ट्स पहनने पर भी आपत्ति जताई गई। हालांकि, निकहत के पास उनके परिवार का समर्थन था और वह इन सब चीजों से लड़ते हुए कड़ी प्रैक्टिस पर लगी रहीं।

 

निकहत के पिता जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने बेटी को खेल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। निकहत लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं और इस पर कई तरह की बातें की जाती थीं, लेकिन वह सब कुछ अनसुना करते हुए लगी रहीं।

निकहत ने अपनी शुरुआती शिक्षा निजामाबाद के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से ही पूरी की। बाद में हैदराबाद के एवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इस बीच निकहत बॉक्सिंग भी सीखती रहीं। निकहत के चाचा शमशामुद्दीन एक बॉक्सिंग कोच हैं और उनका बेटा भी मुक्केबाज है। ऐसे में निकहत ने उनसे बॉक्सिंग सीखना शुरू किया।

लवलीना ने ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी को हराकर जीता स्वर्ण पदक

लवलीना बोरगोहेन ने 70-75 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। उन्होंने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन एन पार्कर को मात दी। इस मैच में दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर थी। पहला राउंड लवलीना ने 3-2 के अंतर से अपने नाम किया।

वहीं, दूसरा राउंड ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी ने जीता। तीसरे और आखिरी राउंड में दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही और अंत में मैच का नतीजा रिव्यू के लिए गया। सभी जज ने मिलकर लवलीना को विजेता घोषित किया। इसके साथ ही देश को इस प्रतियोगिता में चौथा स्वर्ण पदक मिल गया। इस प्रतियोगिता में भारत की झोली में कुल चार स्वर्ण पदक आए हैं।

Written By— Vineet Attri…

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।