Yashwant Sinha: चाचा शिवपाल यादव ने एक बार फिर अपने भतीजे अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि आपने नेताजी को ISI एजेंट बोलने वाले का ही समर्थन कर दिया।
Yashwant Sinha: उन्होंने कहा सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है,जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को ‘आईएसआई’का एजेंट बताया था। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है। नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं।
सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है,जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को 'आईएसआई'का एजेंट बताया था।
पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है।
नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं। pic.twitter.com/IRiw2aNmEs— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) July 16, 2022
आप को बता देेें कि अभी हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विपक्ष एवं काँग्रेस समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का खुलकर समर्थन करने का ऐलान किया था। उनको तनिक भी भान नहीं था कि उनके इस फैसले का विरोध उनके चाचा शिवपाल ही कर देंगे।
गौरतलब है कि NDA की द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार है और UPA के राष्ट्रपति के उम्मीदवार यशवंत सिंहा को बनाया गया है। दोनो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को Z+ सुरक्षा दी गई हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा और 21 जुलाई को भारत को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी व्हिप जारी नहीं कर सकता। इसका मतलब ये है कि कोई भी जनप्रतिनिधी अपनी पसंद और विवेक के आधार पर वोट डाल सकता हैं और किसी को भी अपना वोट देकर चुन सकता है। पार्टी वोटिंग के आधार पर किसी भी जनप्रतिनिध के ऊपर कोई भी अनुशासानात्मक कार्यवाही नहीं कर सकती हैं।
दरसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा हैं। राष्ट्रपति चुनाव में जनता की सीधी भागेदारी न होकर उसके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधी राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों और सभी राज्यों की विधानसभा सदस्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडूचेरी की विधानसभा की विॆदानसभा के सदस्य भी शामिल होते हैं।
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