Yati Narshinghanand Giri: यति नरसिंहानंद का सार्वजनिक जीवन से सन्यास, अब नहीं करेंगे ‘घर्म संसद’, कहा-सनातन धर्म का करूंगा प्रचार-प्रसार

yati narshinganand Giri

Yati Narshinghanand Giri: गाजियाबाद के डासनी देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने, यह कहते हुए सबको चौका दिया कि वह तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक जीवन से सन्यास ले रहे है। बाकि का शेष जीवन, सनातन धर्म और गीता के प्रचार-प्रसार में लगाएंगे। उन्होंने इस्लामी जिहाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को यही  विराम लगाते हुए कहा कि वो आज से और अभी से ‘धर्म संसद’ के आयोजन से खुद को अलग कर रहे है। उन्होंने ये बाते गत गुरूवार 19 मई को जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई के दौरान कही है। उन्होंने कहा कि “हम सभी जितेंद्र नारायण त्यागी को जेल में से लेने आए थे। वे हमसे मिलने से पहले ही चले गए हैं। उनसे हमारा यहीं तक का साथ था। उनके साथ हमारे सुखद या दुखद अनुभव का पूर्णतया दोषी मैं हूँ। उनकी कोई गलती नहीं है। उन्होंने केवल सच बोला। मेरी कमजोरी के चलते उन्हें 4 महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा। इसके लिए मैं उनसे क्षमाप्रार्थी हूँ।

Yati Narshinghanand Giri: उन्होंने आगे कहा, “मैं हिन्दू समाज से कहना चाहता हूँ कि मैंने अपना जीवन जितना भी था उसे इस्लाम के जिहाद से लड़ने में लगाया। लेकिन अब बचा हुआ जीवन मैं माँ और महादेव के यज्ञ के साथ योगेश्वर की गीता के प्रचार-प्रसार में लगाना चाहता हूँ। मैं अब तक अपने से हुई गलतियों के लिए माफी माँगता हूँ। आज के बाद मैं सार्वजानिक जीवन में नहीं हूँ। मेरे जीवन में अब नया अध्याय केवल एक धार्मिक व्यक्ति के तौर पर शुरू होता है।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, यति नरसिंहानंद का यह फैसला उन्होंने अचानक नहीं लिया बहुत सोच समझ कर लिया है। उन्होंने कहा कि  हिन्दू समाज ने  इस्लामी जिहाद के खिलाफ साथ नहीं दिया। नरसिंहानंद ने कहा की जब हिंदू समाज की उनको इस लड़ाई में जरूरत थी तब हिंदू समाज ने उनके और धर्म संसद में शामिल रहे उनके साथियों का साथ नहीं दिया इस से वह काफी दुखी है। 

 उन्होंने कहा, “वर्ष 2012 से मैंने देवबंद के इस्लामी जिहाद के खिलाफ धर्म संसद शुरू की थी। लेकिन वो आज समाप्त हो रही। धर्म संसद में जेल गए साथियों के लिए संघर्ष में हिन्दू समाज ने हमारा साथ नहीं दिया। हिन्दू समाज के योद्धाओं की दुर्गति हो रही है।”

गौरतलब है कि कि हरिद्वार में 17-20 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन हुआ था। मुश्लिम पक्ष ने आरोप लगया था कि धर्म संसद में यति नरसिंहानंद और उनके साथी जितेन्द्र त्यागी ने भड़काऊ बयान दिए थे। मुश्लिम पक्ष की शिकायत के बाद यति नरसिंहानंद गिरी और जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी किया गया था। याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट इस केस को ले गए थे।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।