पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बिगड़े बोल : देश को भाजपा से निजात दिलाने का सब करे संकल्प

सोमवार को जनजातीय युवा पीडीपी सम्मेलन को पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लोगों की संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि जनजातीय कल्याण की कम, भाजपा की निंदा ही ज्यादा की। उन्होंने भाजपा पर देश में सांप्रदायिकता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए सम्मेलन में मौजूद युवाओं को यह संदेश देने का प्रयास किया कि मुस्लिमों को मुस्लिम होने के कारण तथाकथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा भाजपा सरकार ने देश में बनाया है डर का माहौल

उन्हाेंने सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के अभियान को भी मजहबी रंग देने की कोशिश की। जम्मू प्रांत के विभिन्न जिलों से पीडीपी के बैनर तले जमा हुए गुज्जर-बक्करवार समुदाय के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे मुल्क में डर का माहौल है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा भाजपा सरकार के खिलाफ बोलोगे तो तुम हो देशद्रोही

जम्मू कश्मीर में तो और भी बुरा हाल है। यहां धड़-पकड़ का माहौल है। जो भी भाजपा या केंद्र के खिलाफ बोलता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि जब ये बाबर और औरंगजेब की बात करते हैं तो इन्हें उत्तर प्रदेश में लोगों को देने और बोलने के लिए कुछ नहीं होता है।

अगर होता तो गरीबी नहीं होती, अस्पताल होते, लोगों के पास रोज़गार होता तो कोविड में लोग अपनों की लाशें गंगा में नहीं बहा रहे होते।

 

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह लोग हमें गुजरात और दिल्ली दंगों की याद दिलाते हैं। हमें 84 के दंगे याद दिलाते हैं ताकि हम डर जाएं।

लेकिन आपको डरना नहीं है, अगर आप डर गए तो समझो मर गए। इनका मुकाबला करना है, लेकिन पत्थर से नहीं। हमें कलम और किताब से इनका मुकाबला करना है।

यह चाहते हैं कि हम लोग हिंसा करें ताकि यह हमें हिंसक साबित कर सकें, यूएपीए के तहत गिरफ्तार कर सकें। इसलिए मेरी आप सभी नौजवानों से अपील है कि आप पढ़ो और मजबूती के साथ आगे बढ़ो।

इतिहास में कभी-कभी ही युवाओं के योगदान का मौका आता है और आज 70 साल बाद हमें इस देश को भाजपा से आजाद कराने का मौका मिला है।भाजपा से इस देश को छुड़ाने का वक्त आ गया है। यह देश को बांटना और तोड़ना चाहती है।

पीडीपी अध्यक्षा ने जम्मू काे धार्मिक सद्भाव का प्रतीक बताते हुए कहा कि अब यह लोग जम्मू में भी लोगों को हिंदु-मुस्लिम, गुज्जर-डोगरा के नाम पर लड़ाने पर तुले हैं। चुप रहना कोई विकल्प नहीं है।

हमें बोलना होगा, मुकाबला करना होगा, अन्यथा आने वाले समय में लोग पूछेंगे कि जब मौका था तब तुमने खिलाफत क्यों नहीं की? यह सवाल रुपनगर में गुज्जर भाइ्रयों के घरों को तोड़ने का नहीं है, यह सवाल हम सभी का है। इसलिए जाग जाओ।

By खबर इंडिया स्टाफ