President Election: यशवंत सिन्हा ने जताई चिंता, कहा-“मैं नहीं जानता कि चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा”…

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President Election: भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता और वर्तमान में विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने चिंता जताते हुए कहा कि “मैं नहीं जानता कि चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा”…

President Election: सिन्हा- मोदी सरकार पर साधा निशाना

यशवंत सिन्हा ने राजस्थान में काँग्रेस के विधायकों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशान साधा। सिन्हा यही नहीं रूके उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी तंज कसते हुए कहा कि पाँच साल की अगर बात की जाए तो यह राष्ट्रपति का दौर था। हम लोगों ने एक खामोश राष्ट्रपति देखा।

कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री को भी बोलना चाहिए। कम से कम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को बुलाकर देश के वर्तमान हालात पर चर्चा तो कर ही सकते हैं। इसीलिए पिछले पांच साल का दौर खामोशी का रहा। राष्ट्रपति के एक संवैधानिक दायित्व का उतना पालन नहीं हुआ जितनी उम्मीद थी।

यशवंत सिन्हा: मुझे नहीं पता कि इस चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा?’

उन्होंने आगे कहा कि हम केवल एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं। हम सरकार की उन एजेंसियों से भी लड़ रहे हैं, जो लोगों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। इसलिए लड़ाई ED से है, CBI से है, इनकम टैक्स से है। मैं जानता नहीं हूं कि इस चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा?’

सिन्हा: ED, CBI और इनकम टैक्स का दुरूपयोग पर लगाऊंगा रोक

यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘मैं इतना कह सकता हूं कि मैं अगर राष्ट्रपति का चुनाव जीता तो शपथ लेते ही दूसरे दिन से यह जो सरकार की ओर से एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है,वह रोक दूंगा। किस अधिकार का प्रयोग करके रोकूंगा, लेकिन रोकूंगा,इनका दुरुपयोग नहीं होने दूंगा।‘ 

यशवंत सिन्हा: आडवाणी के हालात पर जताया अफसोस

यशवंत सिन्हा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि आडवाणी की हालत देखकर अफसोस होता है। बेचारे बैठे हैं ऐसे करके हाथ हिलाकर नमस्कार करते हैं। सामने से एक आदमी गुजर जाता है और उनकी तरफ देखता भी नहीं है। मेरी और आडवाणी की कोई तुलना नहीं हो सकती, आडवाणी टावरिंग लीडर हैं।

यशवंत सिन्हा ने अटल विहारी वाजपेयी को लेकर कहा किमैं जिस भाजपा में था वह अब मर चुकी है। पहले भाजपा में आपसी सहमति से काम होता था, वह दौर खत्म हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सहमति से काम करते थे, वे विपक्ष का सम्मान करते थे। अब वह सब समाप्त हो चुका है। अब तो सहमति की जगह टकराव का दौर है। सरकार में बैठे नेता विपक्ष को नीचा दिखाना चाहते हैं।‘ 

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।