Yamuna River: यमुना नदी पर दिल्ली से चली सियासत अब उत्तर प्रदेश के मथुरा तक पहुंच गई है। केजरीवाल सरकार द्वारा यमुना नदी में विषैले पदार्थ का छिड़काव कराने से बृजवासियों की चिंता बढ़ गई है। जिस पर मथुरा की विधानसभा मांट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने मांग करते हुए केंद्र सरकार को पैगाम भेजा है। जिसमें लिखा है, कि ये बृजवासियों को तनिक भी बर्दास्त नहीं होगा। केजरीवाल यमुना को विषैला करने सा न रुके तो केंद्र सरकार मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही करे।
यमुना नदी को स्वच्छ रखने लिए करोड़ों रुपये का बजट पास होता है। लेकिन वो कहां इस्तेमाल किया जाता है। ये केजरीवाल ही बता सकते हैं। साथ ही केजरीवाल हर बार यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाने की बात करते रहते हैं। लेकिन समय आने पर डुबकी लगाना तो दूर और उल्टा हिंदुस्तानियों की आस्था को ठेस पहुंचाने में केजरीवाल कभी पीछे नहीं रहते।
यमुना नदी के जल को इस्तेमाल करते हैं बृजवासी, मांट विधायक ने जताई चिंता
यमुना नदी दिल्ली से गुजरती हुई उत्तर प्रदेश के मथुरा बृज से होकर बहती है। जिसमें मथुरा की मांट विधानसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से से होकर निकलती है। केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली की गंदगी से यमुना नदी में बने झागों को खत्म करने के लिए विषैले केमिकल का छिड़काव कराकर अपनी नाकामयाबियों को छिपाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन उस विषैले केमिकल से किसको कितना नुकसान होने वाला है, इस बात का उन्हें कतई भी ध्यान नहीं है।
मथुरा की विधानसभा मांट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने केंद्र सरकार को पैगाम भेजा है। जिसमें बृजवासियों की चिंता जाहिर करते हुए लिखा है, कि मेरी विधानसभा की जनता यमुना नदी के जल को विभिन्न प्रकार के कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। गाय, भैंस आदि जानवरों के साथ तमाम प्रकार के पक्षी नदी का जल पीते हैं। यमुना नदी के तटीय गांवों के किसान फसलों में सिंचाई के लिए जल का प्रयोग करते हैं।
मथुरा- वृदांवन में श्रध्दालु लगाते हैं आस्था की डुबकी
Yamuna River: मथुरा- वृदांवन में श्रध्दालु यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। जल आंचमन, पूजा अर्चना आदि करते हैं। विधायक राजेश चौधरी का कहना है, कि केजरीवाल श्राध्दालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए नदी में जहरीले केमिकल का छिड़काव करा रहे हैं। जिससे न सिर्फ आस्था को ठेस पहुंच रहा है, बल्कि जल में रहने वाले जीव जंतु व मानव जाति के जीवन को खतरा है। आगे मांग की है, कि दिल्ली सरकार नहीं मानती है, तो केंद्र सरकार उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।