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Shaheed Divas: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के शवों को अधजले छोड़कर भागे थे अंग्रेज, 12 घंटे पहले दे दी थी फांसी

Shaheed Divas: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के शवों को अधजले छोड़कर भागे थे अंग्रेज, 12 घंटे पहले दे दी थी फांसी

Shaheed Divas: जीने की इच्छा मुझमें भी है, ये मैं छिपाना नहीं चाहता। मेरे दिल में फांसी से बचने का लालच कभी नहीं आया। मुझे बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार है। भगत सिंह ने क्रांतिकारी साथियों के लिए लिखे आखिरी खत की ये पंक्तियां हैं। ये खत भगत सिंह ने 22 मार्च 1931 लिखा…
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Bhagat Singh: राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है

Bhagat Singh: राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है

Bhagat Singh: इस कहानी में एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में बतायेंगे, जिसे पढ़ रौंगटे खड़े हो जायेंगे। एक ऐसा बालक जिसकी उम्र महज 12 वर्ष रही हो और देश के दुश्मनों को मिटाने का जज्बा रखता हो। भांगावाला से बने उसी भगत सिंह की कहानी जिसने देश के लिए मात्र 23 वर्ष की…
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