Agnipath: केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई अग्निपथ योजना को लेकर पिछले शुक्रवार को हुए देशभर में विरोध प्रदर्शनों के बाद मुस्लिम समुदाय इसके समर्थन में उतर आया है। इस संबंध में कानपुर की 300 मस्जिदों से योजना में हिस्सा लेने के लिए आह्वान किया गया है। मुस्लिम समुदाय के इस कदम की अब चारों ओर तारीफ हो रही है। वह इसलिए कि यहां करीब तीन सप्ताह पहले ही शुक्रवार के दिन(3 जून) नुपूर शर्मा के बयान को लेकर पत्थरबाजी और हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटना हुई थी।
खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का मुस्लिम समाज ने खुलकर स्वागत किया है। बीते शुक्रवार(24 जून) जुमे की नमाज के दौरान कानपुर की करीब 300 मस्जिदों से अग्निपथ योजना के समर्थन में ऐलान किया गया कि यह योजना मुसलमानों के हित में है। इस योजना से मुस्लिम युवाओं को देशभक्ति दिखाने और वीर अब्दुल हमीद की तरह देश सेवा करने का मौका मिलेगा।
कानपुर में पत्थरबाजों की उतरी गर्मी अग्निवीर बनने का किया ऐलान मस्जिद से हुआ एलान #Kanpur pic.twitter.com/1m1x3LMZPq
— The Right Wing (@theRightwing17) June 24, 2022
सुन्नी उलमा काउंसिल के सदस्य हाजी सलीस ने युवाओं को अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित करते हुए योजना के फायदे बताए और युवाओं से अपील की कि अग्निपथ योजना से जुड़कर अब्दुल हमीद खान के नक्शेकदम पर चलें और देश के लिए जान की कुर्बानी देकर इज्जत और आबरू बचाने का काम करें। हमारे समाज में बड़ी संख्या में बेराजगार नौजवान हैं। अग्निपथ योजना के माध्यम से मुस्लिम समाज के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। युवाओं के अंदर देश के प्रति अनुशासन पैदा होगा।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की युवाओं से अपील
Agnipath: हाजी सलीम ने आगे कहा कि आए दिन हिंसा जैसी घटनाएं सामने आती हैं। बेरोजगारी के कारण उनका शोषण होता है।वहीं शहर के मुफ्ती, काजी और अलग-अलग मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नौजवानों से अपील की है कि देश की रक्षा के लिए अग्निवीर बने। अग्निवीर के लिए मुस्लिम युवा आवेदन करें। योजना में जो भी शर्तें है, उस हिसाब से तैयारी भी करें।
आपको बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर 17 जून को देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। इतना ही नहीं बिहार और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में विरोध के नार पर रोड जाम, हंगामा, तोड़फोड़, मारपीट, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं देखने को मिली थी। इन घटनाओं में पुलिस प्रशासन ने कोचिंग संचालकों की भूमिकाओं को संदिग्ध माना गया था। घटना के बाद प्रशासन ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
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