इस समय देश में लाउडस्पीकर को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। अब लाउडस्पीकर से तो पता नहीं लेकिन लाउडस्पीकर को लेकर हो रही राजनीति से देश में ध्वनि प्रदूषण ज़रूर हो रहा है। कहीं लाउडस्पीकर से अजान को लेकर घोषणा होती है तो कहीं लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ करने की धमकी दी जाती है। इन सभी बहसों के बीच कोई देश को अल्लाह के काननू से चलाने की बात करता है तो कोई इसे जय श्रीराम से चलाने की बात करता है।
अब देश का तो पता नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज़रूर साफ कर दिया है कि यह प्रदेश न जय श्रीराम से चलेगा और न ही अल्लाह के क़ानून से अगर चलेगा तो सिर्फ़ संविधान से। इस बात का संदेश उन्होंने आगरा में बीच रोड पर पढ़ी गई नमाज़ मामले में 150 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करके दे दिया है। रोड पर नमाज अदा करना मुस्लिमों के लिए कोई नहीं बात नहीं है यही कारण है कि वह कहीं भी बैठ जाते हैं, लेकिन इस बार वह यह गलती कर बैठे कि उन्होंने योगी बाबा के प्रदेश उत्तर प्रदेश की धरती को चुन लिया।
आगरा में बिना अनुमति के सड़क पर नमाज अदा करना रोजेदारों को भारी पड़ गया है।
आगरा पुलिस ने बिना अनुमति सड़क पर नमाज पढ़ने वाले 150 नमाजियों के विरुद्ध FIR दर्ज की है।
पुलिस ने धारा-144 का उल्लंघन और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराएं लगाकर केस दर्ज किया है। pic.twitter.com/3Cbq8zDmL1
— Prashant Umrao (@ippatel) April 22, 2022
फिर क्या था होगा वही जो मंज़ूर ए खुदा होगा। दरअसल मामला यूपी के आगरा ज़िले का है। यहां थाना एमएस गेट के इमली वाली मस्जिद में नमाज़ अदा की गई लेकिन जब नमाज़ियों की भीड़ ज़्यादा हुई तो वह बीच रोड पर जमा हो गए और नमाज़ अदा करने लगे। इससे पूरा आम रास्ता अवरुद्ध हो गया इससे राहगीरों को बड़ी परेशाानी का सामना करना पड़ा। इसका जब क्षेत्र के लोगों ने विरोध किया तो पुलिस हरकत में आ गई और हिंदुओं की ओर से थाने में दी गई तहरीर के आधार पर 150 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर दिया।
आगरा: बिना अनुमति के सड़क पर नमाज़ पढ़े जाने पर पुलिस ने 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। #Agra | @agrapolice pic.twitter.com/jvipNdldgo
— UP Tak (@UPTakOfficial) April 23, 2022
आयोजकों ने पहले मांगी थी अनुमति
बताया जा रहा है कि सार्वजनिक रूप से नमाज़ अदा करने के लिए आयोजकों के द्वारा प्रशासन से अनुमति माँगी गई थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी आयोजकों ने सार्वजनिक रूप से बीच रोड पर नमाज़ अदा कराई। पुलिस ने आयोजक सैयद इरफ़ान, हसीन, कमी सहित 150 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। थाना प्रभारी निरीक्षक अवधेश कुमार के मुताबिक़ 150 लोगों के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और धारा 144 का उल्लंघन करने के की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद यह साफ़ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी क़ानून से खिलवाड़ करेगा उसके ऊपर शिकंजा कसना आवश्यक है। बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद सीएम योगी ने आदेश दिया था कि प्रदेश में किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन से पहले उसकी अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
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