Aligarh: भागवत कथा सुनने से नहीं उसे आचरण में लाने से होता मनुष्य का कल्याण- साध्वी पद्महस्ता भारती

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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अलीगढ़ के केला गोदाम के प्रांगण में चल रही श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में तीसरे दिन आशुतोष महाराज की शिष्या व भागवताचार्या महामनस्विनी साध्वी पद्महस्ता भारती ने श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग को प्रस्तुत किया और आध्यात्मिक रहस्यों से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। कथा व्यास ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि द्वापर में कंस के अत्याचारों को समाप्त करने के लिए प्रभु धरती पर आए और उन्होंने गोकुल वासियों के जीवन को उत्सव बना दिया।

वहीं बागवत कथा के माध्यम से पंडाल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम देखते ही बन रही थी। जिसमें सभी नर-नारी और बच्चों ने खूब आनन्द लिया। बहुत सारे बच्चे कृष्ण के सखा बनने की इच्छा से सज-धजकर पीले वस्त्र पहन कर इस उत्सव में शामिल हुए। नन्दोत्सव की छटा अदभुत थी! ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो समूचा पंडाल ही गोकुल बन गया हो एवं सभी नर-नारी गोकुलवासी! केवल ग्वाल-बालों के रूप में सजे बच्चों ने ही नहीं बल्कि सभी आगंतुकों ने भी श्री कृष्ण जन्म के अवसर पर खूब माखन-मिश्री का प्रसाद पाया।

साध्वी ने भक्तों को बताया जीवन का मर्म

प्रभु का अवतार धर्म की स्थापना के लिए, अधर्म का नाश करने के लिए, साधु-सज्जन पुरुषों का परित्राण करने के लिए और असुर, अध्म, अभिमानी, दुष्ट प्रकृति के लोगों का विनाश करने के लिए होता है। इसलिए ऐसे महापुरुष की शरण में जाकर हम भी ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करें तभी हम श्री कृष्ण जन्म प्रसंग का वास्तविक लाभ उठा पाएंगे। कथा के मुख्य अतिथि शकुन्तला भारती(एक्स मेयर) व निर्मल अग्रवाल(प्रिंसिपल, विजडम पब्लिक स्कूल) श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हुए।

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भागवत कथा में शामिल भक्त

कथा के मुख्य यजमान पत्नी सहित प्रदीप कुमार सिंघल, पत्नी सहित सत्येन्द्र कुमार रावत, पत्नी सहित सत्यदेव गौतम, मीरा शर्मा, पत्नी सहित विष्णु कुमार वार्ष्णेय आदि भक्त उपस्थित रहे और अंत में स्वामी नरेंद्रानंद ने बहुत ही ज्ञानवर्धक प्रवचन दिए, जिसके पश्चात सुमंगल आरती में हज़ारो श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'