Amethi: सारस और आरिफ की टूटी दोस्ती तो अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना

सारस के साथ आरिफ का परिवार

Amethi: उत्तर प्रदेश के जिला अमेठी में पिछले कुछ दिनों से एक पक्षी और इंसान की दोस्ती काफी सुर्खियों में है। सुर्खियां कुछ ऐसी कि कुछ दिन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जाकर उस जोड़े से मुलाकात की थी। लेकिन अब उस दोस्ती को एक-दूसरे से अलग किया गया तो अखिलेश यादव ने सरकार पर निशान साधा है।

सारस और आरिफ की टूट गई दोस्ती

1 साल पहले सारस और आरिफ की दोस्ती का ये रिश्ता बिना किसी शर्तों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन आज वो खत्म हो गया। आरिफ का सारस उससे दूर चला गया। सारस को सही वातारण न मिलने की बात कहते हुए वन विभाग की टीम ने उसको रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में शिफ्ट कर दिया है। अपने दोस्त सारस से अलग होने के बाद से आरिफ बहुत दुखी है।

Amethi: आपको बता दें, कि सारस को वन विभाग की टीम मंगलवार को आरिफ से ले गई थी। इससे पहले सारस को लेने के लिए लखनऊ से वन विभाग की टीम ने आरिफ को नोटिस भी दिया था। लेकिन आरिफ इस बात के लिए राजी नहीं था।

वहीं, जब टीम सारस को लेने आरिफ के गांव अमेठी के मंडका गांव पहुंची तो आरिफ ने सारस को कसके पकड़ लिया। वो किसी भी हाल में अपने दोस्त को खुद से दूर करने के लिए राजी नहीं था।

वन विभाग की टीम आरिफ से छीन ले गई सारस

आरिफ बार-बार टीम से कह रहा था, आप लोग सारस को चेक कर लो। मैं इसका पूरा ध्यान रखता हूं। हमेशा साथ में रखता हूं। खाने-पीने से लेकर, सोने-बैठने सब का इंतजाम घर पर इसके लिए कर रखा है। ये भी मेरे साथ बहुत खुश रहता है। आपको यकीन न हो तो गांव वालों से पूछ लो। आरिफ के इतना कहने के बाद भी वन विभाग की टीम सारस को आरिफ से छीन कर ले गई।

Amethi: अपने दोस्त से अलग होने के बाद आरिफ की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे हैं। वो बार-बार सारस के बिस्तर, उसके खाने के बर्तन देखकर दुखी हो जाता है। आरिफ कहते हैं, अब कौन मेरे साथ-साथ खेत जाएगा। कौन मेरी बाइक के पीछे-पीछे उड़ेगा। मेरे साथ खाना खाएगा। मैं सारस के बिना कैसे रहूंगा। मेरी इतनी अच्छी दोस्ती का अंत इतना बुरा होगा ये कभी नहीं सोचा था। मैं बहुत दुखी हूँ।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने क्या बोला?

Amethi: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी जब सारस को ले जाने की खबर सुनी तो उन्होंने सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करने वाले से दूर ले गई है। अब देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलाने वालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।

Written By–Swati Singh

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By खबर इंडिया स्टाफ