Independence day: पूरा देश आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मना रहा है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर हर-घर तिरंगा अभियान चलाया गया है, लेकिन अफसोस आजादी के आंदोलन की अलख जगाने वाले महात्मा गांधी जी के आगरा स्थित स्मारक की साफ-सफाई करने वाला कोई नहीं है। तिरंगा फहराने वाला कोई नहीं है।
जबकि पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है। स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को देश नमन कर रहा है। लोग शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। क्या आपको पता है कि आगरा के बेबी ताज कहे जाने वाले एत्माद्दौला के करीब में एक गांधी स्मारक बना है। इस जगह पर गांधी जी आजादी के आंदोलन को तेज करने के लिए 11 दिन तक रुके थे।
11 दिनों तक क्यों रूके थे गांधी जी?
आजादी के आंदोलन की अलख जगाने के लिए महात्मा गांधी पूरे देश में घूमे थे। उसी दौरान वह आगरा आये थे, यह बात सितंबर 1929 की है। जब वह क्रांतिकारी, व्यापारियों, जौहरियों सहित आम जनमानस से मिले थे। तभी गांधी जी का स्वास्थ्य खराब हो गया। जिसके कारण उनको यहां 11 दिन तक रुकना पड़ा था। जिस जगह पर गांधीजी रुके उसे अब गांधी स्मारक कहा जाता है। यह स्मारक काली नदी के तट पर है।
इस स्मारक में गांधी जी से जुड़ी तमाम ऐतिहासिक चीजें रखी गई हैं। उनका चरखा, घड़ी, चश्मा यहां रखी हुई हैं। हालांकि प्रशासन की लापरवाही के कारण ये सब धूल खा रही हैं। इनकी साफ सफाई करने वाला कोई नहीं है। यहां जाले लगे हुए हैं। यहां तक कि गांधी जी के स्टेच्यू पर साफ कपड़ा तक नहीं है। गांधी जी के स्टेचू को बस एक सफेद कपड़े से ढक दिया गया है।
Independence day: आगरा प्रशासन, गांधी जी के स्मारक को भूल गया है। पूरे साल यह स्मारक बंद रहता है। यहां केवल गांधी जयंती के दिन कुछ लोग आकर सफाई करते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के इस दौर पर ना तो इस स्मारक की सफाई की गई है और ना ही इस पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है। जबकि इसके ठीक बिल्कुल बगल में एत्माद्दौला है जिसे बेबी ताज कहा जाता है। उसे तिरंगा की रोशनी में सजाया गया है। प्रशासन की नजर अब तक इस गांधी स्मारक पर नहीं पड़ी है। असामाजिक तत्व यहां पर आए दिन जुआ खेलते हैं, शराब पीते हैं, और स्मारक को भी नुकसान पहुंचाते हैं।