Kanpur Violence: हिंसा के बीच कुछ मीडिया हाउस द्वारा चलाई जा रही भ्रामक खबरों से परेशान होकर हिंदुओं ने चन्द्रेश्वर हाता के गेट पर एक पोस्टर लगा दिया है। जिसमें लिखा है “पलायन नहीं, पराक्रम होगा, भ्रामक मीडिया का बहिष्कार होगा”, इसी के साथ पीड़ित हिंदुओं ने भ्रामक खबरों को फैलाने वाले मीडिया के रिपोर्टरों से बात न करते हुए उनका बहिष्कार कर दिया है।
यूपी के कानपुर स्थित परेड इलाके में 3 जून को हुए दंगे के बाद यहां स्थित चंद्रेश्वर हाता के लोगों ने दंगाइयों को अब खुली चुनौती दी है। चंद्रेश्वर हाता के लोगों ने गेट पर पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में उन्होंने साफ लिखा है कि हम लोग यहां से पलायन नहीं करेंगे,बल्कि पराक्रम दिखाएंगे। pic.twitter.com/vZ3hxeKfSO
— सत्येन्द्र तिवारी,VHP (प्रतापगढ़ी)🔥…..✍️ (@Satyendra_VHP) June 9, 2022
गेट पर लगे पोस्टर में बजरंग बली की एक फोटो लगी हुई है। वहीं इस पोस्टर को हिदुओं द्वारा दंगाइयों को एक कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। इस पोस्टर पर चन्द्रेशवर हाता में रहने वाले चेतन बाजपाई ने खबर इंडिया से बात करते हुए कहा, “हिदुओं के पलायन की अफवाह फैलाकर योगी सरकार को बदनमा करने की एक साजिश रची जा रही है। जबकि घटना के बाद कोई हिंदुू परिवार अपने घरों को छोड़कर नहीं गया है। उ्होंने कहा इस साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। हमें योगी सरकार पर भरोसा है हम यहां पूरी तरह से सुरक्षित हैं।”
वहीं चन्द्रेश्वर हाता में रहने वाली बुजुर्ग महिला ने खबर इंडिया से बात करते हुए कहा, “हमें यहां रहते हुए 87 वर्ष हो गए। हम यहीं पैदा हुए हैं यहीं मरेंगे, लेकिन इन दंगाइयों से कभी न डरे हैं और न डरेंगे। ये लोग(मुस्लिम) आज से नहीं हमेशा से चन्द्रेश्वर हाता को अपना निशाना बना के रखते हैं। यह लोग हमें यहां से भगाकर अपना राज चलाना चाहते हैं।”
जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं को बनाया गया था निशाना
Kanpur Violence: दरअसल, 3 जून को कानपुर के बेकनगंज इलाके में शुक्रवार जुमे की नमाज अदा करने के बाद हजारों की संख्या में नई सड़क पर आए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चन्द्रेश्वर हाता(हिंदू बस्ती) को निशाना बनाते हुए उस पर पत्थरबाजी कर दी थी। इस दौरान दंगाइयों ने हिंदुओं के घर पर जमकर पत्थरबाजी करते हुए पेट्रोल बम, कांच की बोलतें आदि फेंके थे। इसी बीच नाम पूछकर हिदुओं से मारपीट की गई और हाता को आग के हवाले करने की कोशिश की गई।
वहीं ३ जून को कानपुर जिले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित कई बड़े नेता एक कार्यक्रम में मौजूद थे। उसी समय इस कानपुर को हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश की गई। हालांकि योगी सरकार की पुलिस ने समय रहते दंगाइयों की साजिशों को नाकाम कर दिया। इस मामले में 57 से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। वहीं योगी सरकार ने दंगाइयों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की घोषणा की थी।
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