Mulayam Singh: नेता जी को विधायक बनाने के लिए एक शाम भूखा रहा था सैफई, मुलायम मांगते थे- एक वोट,एक नोट

Mulayam singh Death

Mulayam Singh: पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पूरा उत्तर प्रदेश शोक में डूबा है। उनके निधन से यूपी में एक सियासी युग का अंत हो गया। नेता जी तो चले गये, लेकिन पीछे छूट गईं कुछ यादें। मुलायम सिंह को पूरा देश नेता जी के नाम से पहचानता था। उनका जनता से इतना जुड़ाव था, कि नेता जी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे, तो सैफई के लोगों ने एक शाम भूखा रहकर नेताजी को चुनाव लड़ाया था। चुनाव प्रचार के दौरान नेता जी एक वोट-एक नोट(एक रुपया) जनता से मांगते थे।

क्यों रहा था पूरा गांव भूखा?

मुलायम सिंह यादव सन 1967 ई. में विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पैसे नहीं थे। नेता जी ने पैसे के लिए लाख कोशिशें कीं, लेकिन व्यवस्था नहीं हो पाई। चुनाव प्रचार के दौरान एक दिन नेताजी के घर की छत पर पूरे गांववालों की बैठक हुई। उसमें सभी जाति के लोग शामिल हुए। बैठक में गांव के ही सोनेलाल शाक्य ने सुझाव दिया, कि मुलायम सिंह यादव को चुनाव लड़ाने के लिए अगर हम गांववाले एक शाम का खाना नहीं खाएं तो आठ दिन तक मुलायम की गाड़ी चल जाएगी। सभी गांववालों ने एकजुट हो सोनेलाल के प्रस्ताव का समर्थन कर किया और एक शाम पूरा गांव भूखा रहा।

प्रचार में मांगते थे, एक वोट-एक नोट

Mulayam Singh: नेता जी के साथ उनका गांव सैफई पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार में लगा हुआ था। उन सभी की मेहनत का ही फल था, कि मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े और पहली बार इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से विधायक चुने गये। जब मुलायम सिंह को पहली बार विधानसभा का टिकट मिला था तो सभी गांव वालों ने जनता के बीच जाकर वोट के साथ-साथ चुनाव लड़ने के लिए चंदा मांगा था। मुलायम अपने भाषणों में लोगों से एक वोट और एक नोट (एक रुपया) देने की अपील करते थे। वे कहते थे, कि हम विधायक बन जाएंगे तो किसी न किसी तरह से आपका एक रुपया ब्याज सहित आपको लौटा देंगे। लोग मुलायम सिंह की बात सुनकर खूब ताली बजाते थे और दिल खोलकर चंदा देते थे।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।