Vrindavan: भागवत कथावाचक अनिरूद्धाचार्य की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नही ले रहीं है। ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने भागवत कथा करते हुए हिंदू देवी-देवताओं के लिए निंदनीय शब्दों का प्रयोग किया है। अनिरूद्धाचार्य ने भागवत कथा के दौरान माता सीता के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि सीता माता अगर इतनी सुंदर न होती तो शायद उनका अपहरण ही नहीं होता।
वो यहीं पर ही नहीं रूके उऩ्होंने कहा कि अगर द्रौपदी सुदर न होती तो उनका चीर हरण भी न होता। इतना कहना ही था कि सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर उनका जमकर विरोध हो रहा है।
Vrindavan: भाजपा और हिंदू संगठनों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अनिरूद्धाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के युवा नेता पवन शर्मा और उनके साथियों ने सड़क पर विरोध करते हुए कथावाचक का पुतला फूकते हुए कहा कि “सुंदरता या कुरूपता परमात्मा की देन है उस पर किसी को भी कथा के दौरान कटाछ नहीं करना चाहिए और जिस तरह से राधा रानी, माता सीता और द्रोपदी की सुंदरता का व्याख्यान उन्होंने कथावाचन के दौरान किया वो किसी भी सच्चे हिंदू के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकता। ”
उन्होंने ये भी कहा कि “माता सीता और द्रौपदी के साथ हुए घटनाक्रम को सुंदरता से जोड़ा गया वो किसी भी सूरत में सहीं नहीं हैं और ये धर्म विरूद्ध था। इस बात का संज्ञान लेते हुए हमने इनका पुतला फूका क्योंकि हमारी युवा शक्ति माँ-बहनों का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
आपको बता दें कि बीते शनिवार को नारायणी सेना और संत सुरक्षा समिति ने कोतवाली में तहरीर देकर भागवत कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस ने अनिरूद्धाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
Vrindavan: राष्ट्रीय संत सुरक्षा समिति और श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू ने पुलिस को तहरीर दी थी। उन्होंने तहरीर मे कहा कि “अनिरुद्धाचार्य ने हाल ही में माता सीता व द्रौपदी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की है। उनके बयान से नारी समाज का अपमान हुआ है। सुंदरता कभी अपहरण का कारण नहीं बनती है, व्यक्ति की खराब मानसिकता के कारण अपहरण की वारदात होती है।”
नारायणी सेना ने भी तहरीर देते हुए कहा कि ” नारायणी सेना न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ शीतल आचार्य ने कथावाचक द्वारा नारी शक्ति के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी पर रोष जताते हुए इसे नारी शक्ति का अपमान बताया है। उन्होंने तहरीर देकर मांग की है कि अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर कथा करने से रोका जाए वरना, हमारे पास केवल एक ही रास्ता होगा हमें सड़क पर उतर कर उनका विरोध करना पड़ेगा”
Vrindavan: आचार्य मनमोहन रामानुज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कथावाचक के खिलाफ केस दर्ज कर कथाओं पर विराम लगाने की मांग की थी। इस मौके पर नारायणी सेना न्यास के जिला अध्यक्षा सुनैना गुप्ता भी मौजूद थीं। पुलिस ने तहरीर के बाद अनिरूद्धाटार्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
अर्पिता फाउंडेशन के संस्थापक प्रदीप बनर्जी ने वृंदावन कोतवाली के क्राइम इंचार्ज को दिए सौंपे गए प्रार्थना पत्र में भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।
प्रदीप ने कहा कि माता सीता और द्रौपदी को लेकर आपत्तीजनक टिप्पणी करना नारी समाज का अपमान है। भागवत प्रवक्ता को अपनी भाषा पर ध्यान रखना चाहिए, न कि किसी पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए।
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं हुआ जब कथावाचक अनिरूद्धचार्य ने कई बार व्यास गद्दी पर बैठकर ऊल-जुलूल बातें करके उपाहास का और साथ ही हिंदू समाज के रोष का कारण बन जाते है।
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— Khabar India ख़बर इंडिया (@_KhabarIndia) October 19, 2022
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