Yogi Adityanath: यूपी सीएम बोले- हमने तो केवल तीन जगह मांगी, पांडवों ने कौरवों से पांच गांव मांगे थे

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए इशारों-इशारों में मथुरा और काशी का मुद्दा भी छेड़ दिया है। उन्होंने वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य की तुलना महाभारत से करते हुए कहा कि दुर्योधन से पांडवों ने केवल पांच ग्राम मांगे थे। दुर्योधन वह भी न दे पाया। यही हाल तो अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ हुआ। हमने तो केवल तीन जगह मांगी है।

सीएम योगी बोले अन्याय के नाम पर याद आती है…

Yogi Adityanath: लोक आस्था और जन भावनाओं के साथ ऐसा खिलवाड़ संभवत: दूसरी जगह देखने को नहीं मिला होगा। अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘जब मैं अन्याय की बात करता हूं तो हमें पांच हजार वर्ष पुरानी बात भी याद आने लगती है। उस समय पांडवों के साथ भी अन्याय हुआ था।

उस समय कृष्ण कौरवों के पास गये थे और कहा था कि बस दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम। लेकिन दुर्योधन वह भी दे ना सका।” उन्होंने कहा, ”यही तो हुआ था अयोध्या के साथ। यही हुआ था काशी के साथ और यही हुआ था मथुरा के साथ भी। यहां की आस्था केवल तीन के लिए बात कर रही है। तीन के लिए भी इसलिए क्योंकि वे विशिष्ट स्थल हैं।

वे सामान्य नहीं हैं। ईश्वर की धरती हैं। लेकिन एक जिद है और इस जिद में जब राजनीतिक तड़का पड़ने लगता है और वोट बैंक बनाने की राजनीति होने लगती है तो वहीं से विवाद की स्थिति खड़ी होने लगती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘हमने तो केवल तीन जगह मांगी हैं। अन्य जगहों के बारे में कोई मुद्दा नहीं था।

अयोध्‍या के उत्‍सव के बाद नंदी बाबा बोले हम इंतजार क्‍यों करें?

Yogi Adityanath: सीएम योगी ने कहा कि हमने तो केवल तीन जगह मांगी हैं। अन्य जगहों के बारे में कोई मुद्दा नहीं था। अयोध्या का उत्सव लोगों ने देखा तो नंदी बाबा ने कहा कि भाई हम काहे इंतजार करें। इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले।

विदेशी आक्रांताओं ने केवल इस देश के अंदर धन दौलत ही नहीं लूटा था। इस देश की आस्था भी रौंदने का काम किया था। आजादी के बाद अपने वोटबैंक के लिए उन आक्रांताओं को महिमामंडित करने का कुत्सित कार्य किया गया।

कभी यूपी के युवा अपनी पहचान को छिपाने के लिए थे मजबूर

Yogi Adityanath: सीएम योगी ने कहा है कि 2017 के पहले यूपी को जिन लोगों ने चार-चार बार प्रदेश में शासन किया, लंबे समय तक सत्ता पर विराजमान रहे उन्होंने यूपी के लोगों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था। यहां का नौजवान पहचान छिपाने के लिए मजबूर था। यूपी में नौकरी नहीं थी, और यूपी वालों को तो बाहर भी नौकरी नहीं मिलती थी। यूपी का नाम सुनकर किराये के कमरे तो दूर होटल और धर्मशालाओं में भी जगह नहीं मिलती थी।

Written By: Vineet Attri 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।